विपक्ष ने लगाया ओबीसी आयोग को समाप्त करने का आरोप, राज्यसभा में जोरदार हंगामा

नयी दिल्ली : अन्य पिछडा वर्ग आयोग को समाप्त करने के कथित कदम को लेकर आज राज्यसभा में जमकर हंगामा हुआ. समाजवादी पार्टी सहित अन्य विपक्षी दल ने एक साथ सरकार पर हमला किया. सरकार ने हालांकि इस तरह का कोई कदम उठाये जाने से साफ इनकार किया. आज उच्च सदन की बैठक शुरू होने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 24, 2017 1:55 PM

नयी दिल्ली : अन्य पिछडा वर्ग आयोग को समाप्त करने के कथित कदम को लेकर आज राज्यसभा में जमकर हंगामा हुआ. समाजवादी पार्टी सहित अन्य विपक्षी दल ने एक साथ सरकार पर हमला किया. सरकार ने हालांकि इस तरह का कोई कदम उठाये जाने से साफ इनकार किया. आज उच्च सदन की बैठक शुरू होने पर उप सभापति पी जे कुरियन ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाये. इसी दौरान सपा नेता रामगोपाल यादव ने अन्य पिछडा वर्ग आयोग को समाप्त करने के कथित कदम का मुद्दा उठाया. फिर उनकी पार्टी के सदस्य सरकार के खिलाफ नारे लगाते हुए आसन के समक्ष आ गये. कुरियन ने उनसे अपने स्थानों पर लौट जाने और कार्यवाही चलने देने का अनुरोध किया.

सदन में मौजूद सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई बार यह कह चुके हैं कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछडा वर्ग के आरक्षण की संवैधानिक स्थति बरकरार रहेगी. गहलोत ने कहा कि जनसंघ के समय से ही हम इन समुदायों को आरक्षण दिए जाने के पक्षधर रहे हैं और हमारा यह समर्थन जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि सरकार ने अन्य पिछडा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने का निर्णय किया है और उसे अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति आयोग की तरह ही अधिकार मिल जाएंगे.

इससे पहले सदन की बैठक शुरू होने पर सपा के रामगोपाल यादव ने कहा कि राष्ट्रीय पिछडा वर्ग आयोग का गठन वर्ष 1992 में उच्चतम न्यायालय की व्यवस्था के बाद किया गया था. इस आयोग को सरकार ने संवैधानिक दर्जा देने का वादा किया था लेकिन इसके बजाय उसे समाप्त कर दिया गया है. यादव ने कहा कि इस आयोग की जगह राष्ट्रीय सामाजिक एवं शैक्षिक पिछडा वर्ग आयोग (एनएसईबीसी) बनेगा. उन्होंने आरोप लगाया कि यह दलितों को मिल रहे आरक्षण के साथ एक बडी साजिश के तहत किया जा रहा है. सपा नेता ने कहा कि नया आयोग अन्य पिछडा वर्ग की सूची में शामिल किये जाने वाले और सूची से हटाये जाने वाले अनुरोधों की जांच करेगा और आवश्यक सिफारिश करेगा.

यादव ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का नाम लिए बिना आरोप लगाया कि यह कदम सत्तारुढ दल के मार्गदर्शक मंडल के दर्शन से निर्देशित है जो चाहता है कि आरक्षण को समाप्त किया जाना चाहिए. सपा नेता ने कहा कि पिछडा वर्ग खुद को छला हुआ महसूस कर रहा है. उन्होंने कहा कि यादव, कुर्मी, लोध और कुशवाहा आदि पिछडे समुदायों ने कुछ सामाजिक प्रगति की जिसके बाद उन्हें अन्य पिछडा वर्ग की सूची से हटाया जा रहा है. बसपा और कांग्रेस के सदस्यों ने यादव की बात का समर्थन किया.

सपा नेता रामगोपाल यादव ने मंत्री के बयान को अस्वीकार करते हुए कहा कि आयोग को विघटित किया जा रहा है और यह आरक्षण खत्म करने की साजिश है. इसी दौरान सपा सदस्य सरकार के खिलाफ नारे लगाते हुए आसन के समक्ष आ गये. बसपा और कांग्रेस सदस्यों ने अपने स्थानों पर खडे हो कर सरकार के कथित कदम पर विरोध जगाया. उप सभापति पी जे कुरियन ने कहा कि मंत्री ने स्पष्ट जवाब दे दिया है इसलिए विरोध का कोई कारण नहीं है. उन्होंने कहा ‘‘आपकी चिंता जायज है. मैं इससे सहमत हूं लेकिन मंत्री ने स्पष्ट जवाब दे दिया है.”

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