…जब भारतीय जवान ने कहा – मैं भगवान से मांगता था मौत, पढि़ए पाकिस्‍तानी जेल में यातनाओं की पूरी दास्‍तां

मुंबई : पाकिस्तान में चार महीने तक जेल में रहने के बाद स्वदेश लौटे भारतीय सैनिक ने कहा कि वह पाकिस्तानियों की यातना से इतना परेशान हो चुका था कि अक्सर हिरासत के दौरान वह अपनी मृत्यु की प्रार्थना किया करता था. भारत को 21 जनवरी को सौंपे गये चंदू बाबूलाल चव्हाण ने आज यहां […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 24, 2017 10:28 PM

मुंबई : पाकिस्तान में चार महीने तक जेल में रहने के बाद स्वदेश लौटे भारतीय सैनिक ने कहा कि वह पाकिस्तानियों की यातना से इतना परेशान हो चुका था कि अक्सर हिरासत के दौरान वह अपनी मृत्यु की प्रार्थना किया करता था. भारत को 21 जनवरी को सौंपे गये चंदू बाबूलाल चव्हाण ने आज यहां एक मराठी चैनल के साथ बातचीत के दौरान कहा, ‘मेरे साथ मार-पीट की गयी. मैंने उनसे कहा – मुझे मार डालो. मुझे वह अन्त का मार्ग लगता था.’

बाईस वर्षीय सैनिक पिछले साल के 29 सितंबर को सीमा पार पाकिस्तान चला गया था. गौरतलब है कि इसी दिन भारत ने पाकिस्तान पर लक्षित हमला (सर्जिकल स्ट्राइक) किया था. चव्हाण जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में नियंत्रण रेखा के पास तैनात थे. सीमा पार करने और पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा पकड़े जाने के बाद की स्थिति के बारे में चव्हाण ने कहा, ‘उन्होंने मेरी जांच की, मेरे कपड़ों की तलाशी ली. मुझ पर काला कपड़ा डालकर एक वाहन में लेकर गये.’

सैनिक ने कहा, ‘मुझे एक कमरे में रखा गया था, जहां हर वक्त अंधकार रहता था. मुझे यह चीज समझ में नहीं आई. बाथरुम और शौचालय भी कमरे में ही थे.’ इस माह की शुरुआत में धुले जिलांतर्गत अपने पैतृक गांव बोरविहिर लौटे सैनिक ने चैनल से कहा, ‘जब मैं अपने सिर को पटककर उनसे कहता था कि मुझे मार डालो तो वे मुझे इंजेक्शन दिया करते थे. वे मेरी पिटाई किया करते थे. एक ऐसा समय आ गया जब मेरी आंखों में आंसू भी नहीं आते थे.’

भारतीय सैनिक चव्हाण ने कहा, ‘मुझे दिन और रात का पता नहीं चल पाता था. मैं उन भयानक दिनों में अपने परिवार को याद किया करता था. मैं ईश्वर से मौत मांगता था.’ पाकिस्तानी यातना को याद करते हुए उसने कहा, ‘वे मुझे सुई के जरिये सीडेटिव दिया करते थे. कान से खून निकलने पर वे ड्रॉप डाला करते थे.’ सैनिक ने कहा, ‘एक समय मैंने खुद को कैदी बनाने वालों से कहा था कि उरी आतंकी हमलों का बदला लेने के लिए मैंने सीमा पार किया था.’

Next Article

Exit mobile version