नयी दिल्ली : भारत सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए दिल्ली के निजामुद्दीन में तबलीगी जमात के मरकज में शामिल 2550 विदेशियों की भारत यात्रा पर 10 साल का बैन लगा दिया है. ये सभी पर्यटन वीजा पर भारत आये थे और मरकज के कार्यक्रम में शामिल हुए थे. जमातियों पर देश में कोरोना संक्रमण फैलाने का आरोप है. इसी मामले को लेकर जमात प्रमुख मौलान साद की तलाश भी की जा रही है.
वीजा नियमों का उल्लंघन कर राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के दौरान भारत में ठहरे तबलीगी जमात के 2,550 विदेशी सदस्यों को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने काली सूची में डाल दिया है. उन्हें 10 साल तक देश में प्रवेश करने की भी अनुमति नहीं होगी. अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी. विभिन्न राज्य सरकारों ने मस्जिदों और मदरसों में विदेशियों के अवैध रूप से ठहरे होने का ब्योरा उपलब्ध कराया, जिसके बाद गृह मंत्रालय ने यह कार्रवाई की है.
#UPDATE More than 2,200 blacklisted foreign nationals banned for 10 years from travelling to India for their involvement in Tablighi Jamaat activities: Government Sources https://t.co/9b4t5QpkSt
— ANI (@ANI) June 4, 2020
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि मंत्रालय ने तबलीगी जमात के 2,550 सदस्यों को काली सूची में डाल दिया है और भारत में उनके 10 साल तक प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है. इस इस्लामी संगठन से जुड़े 250 विदेशियों सहित 2,300 लोगों के खिलाफ कार्रवाई किये जाने के बाद तबलीगी जमात के विदेशी सदस्यों के खिलाफ पहली बार कार्रवाई की गई थी.
ये लोग मार्च में राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की घोषणा के शीघ्र बाद दक्षिण दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में तबलीगी जमात के मरकज में ठहरे हुए पाये गये थे. इनमें से कई लोगों की कोविड-19 जांच में उनके संक्रमित होने की पुष्टि हुई. गौरतलब है कि कोरोना वायरस महामारी को फैलने से रोकने के लिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 मार्च से राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की थी.
गृह मंत्रालय के अनुसार तबलीगी गतिविधियों में हिस्सा लेने के लिए इस साल करीब 2,100 विदेशी भारत आये. केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने बताया कि 21 मार्च तक निजामुद्दीन मरकज में 216 विदेशियों सहित 1,746 लोग थे. निजामुद्दीन मरकज के अलावा 21 मार्च तक देश के विभिन्न मरकजों में 824 विदेशी थे.
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बताया जाता है कि निजामुद्दीन मरकज में एक मार्च से 15 मार्च तक तबलीगी जमात के एक कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया था. जिसमें करीब 41 देशों से विदेशी भी शामिल हुए थे. जिनमें इंडोनेशिया, बांग्लादेश, मलेशिया और थाईलैंड के लोग शामिल थे.
देश में कोरोना संक्रमण में अचानक आयी तेजी के लिए तबलीगी जमात को जिम्मेवार ठहराया गया. दिल्ली में कोरोना वायरस के प्रसार के लिए भी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने तबलीगी जमात को जिम्मेदार माना था. उन्होंने कहा था कि दिल्ली में कोरोना वायरस के आंकड़ों में आयी तेजी के लिए जमात के लोग जिम्मेदार हैं. दूसरी ओर स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी कुछ दिनों पहले कहा था कि कोरोना के जितने नये केस सामने आये, उनमें से 65 फीसदी केस जमात से जुड़े हैं. दिल्ली स्थिति निजामुद्दीन इलाके में तबलीगी जमात के धार्मिक आयोजन में हिस्सा लेने आये लोग देश के करीब 14 राज्यों में पहुंचे, जिसके बाद संक्रमण के मामले तेजी से बढ़े. स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया था कि असम, अंडमान निकोबार, दिल्ली, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, झारखंड, कर्नाटक, महाराष्ट्र, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में जमात के लोग पहुंचे थे.