नयी दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने आज कहा कि वह 30 मार्च को इस बारे में फैसला करेगी कि जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय :जेएनयू: के लापता छात्र नजीब अहमद से जुडे मामले में लाई डिटेक्टर परीक्षण के लिए दिल्ली पुलिस द्वारा नौ जेएनयू छात्रों से मंजूरी मांगी जा सकती है या नहीं. मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सुमित दास को आज आदेश पारित करना था लेकिन उन्होंने मामला स्थगित कर दिया क्योंकि आदेश तैयार नहीं है.
अदालत ने 15 मार्च को अपना आदेश उस समय सुरक्षित रखा था जब छात्रों की ओर से पेश वकील ने कहा, अगर लाई डिटेक्टर परीक्षण स्वैच्छिक नहीं है तो यह असंवैधानिक तथा अवैध होगा. इस मामले के संदिग्ध नौ छात्रों ने अदालत में दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा के उस नोटिस को चुनौती दी थी जिसमें उनसे मजिस्ट्रेट के सामने पेश होकर इस बारे में बयान दर्ज करवाने को कहा गया था कि वे लाई डिटेक्टर परीक्षण कराने के लिए तैयार हैं या नहीं. जांच एजेंसी ने 23 जनवरी के नोटिस में दावा किया था कि नजीब के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए लाई डिटेक्टर परीक्षण की आवश्यकता है.