नयी दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने नशे में वाहन चलाने के एक मामले में एक व्यक्ति को दोषी ठहराते हुए कहा कि चालक हो या पैदल यात्री, सड़क का प्रयोग करने वाले हर व्यक्ति को सड़क पर सुरक्षित रहने का अधिकार है. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एमआर सेठी ने मजिस्ट्रेट अदालत के आदेश के खिलाफ उत्तरी दिल्ली के निवासी करमबीर की अपील को खारिज करते हुए कहा कि सड़क का प्रयोग करने वाले किसी व्यक्ति के अधिकार को ऐसा व्यक्ति नहीं छीन सकता जो शराब के नशे में लापरवाही से वाहन चलाए.
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सड़क पर चलने वाले हर व्यक्ति को सुरक्षित रहने का अधिकार : अदालत
नयी दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने नशे में वाहन चलाने के एक मामले में एक व्यक्ति को दोषी ठहराते हुए कहा कि चालक हो या पैदल यात्री, सड़क का प्रयोग करने वाले हर व्यक्ति को सड़क पर सुरक्षित रहने का अधिकार है. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एमआर सेठी ने मजिस्ट्रेट अदालत के आदेश के […]
न्यायाधीश ने कहा, सड़क का प्रयोग करने वाले हर शख्स को सड़क पर सुरक्षित रहने का हक है, चाहे वह चालक हो या पैदल यात्री. यह अधिकार ऐसा कोई अन्य व्यक्ति नहीं छीन सकता जो कानून का उल्लंघन करके शराब के नशे में लापरवाही से वाहन चलाए.
अदालत ने कहा, सड़क का प्रयोग करने वाले को न केवल अधिकार है बल्कि उसकी सड़क प्रयोग करने वाले अन्य लोगों का ध्यान रखने का कर्तव्य भी है. उसे दूसरों के साथ अपनी भी गलती को लेकर सावधान होना चाहिए. न्यायाधीश ने हालांकि निचली अदालत द्वारा दी गई 30 दिन की सजा को घटाकर सात दिन का कर दिया लेकिन साढे तीन हजार रुपये का जुर्माना बनाए रखा.
करमबीर को मोटर यान अधिनियम के प्रावधानों के तहत अपराधांे के लिए दोषी ठहराया गया. अभियोजन के अनुसार, उसे उत्तरी दिल्ली के नरेला के पास लापरवाही से मिनी ट्रक चलाते हुए देखे जाने के बाद ट्रैफिक सिग्नल पर पकडा गया था.
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