सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देश को ”आप” ने रखा ताख पर, विज्ञापन मामले में एलजी ने दिया पैसा वसूलने का आदेश

नयी दिल्ली : दिल्ली की आम आदमी पार्टी (आप) पर एक बार फिर सरकार के विज्ञापनों की सामग्रियों को लेकर सुप्रीम कोर्ट की ओर से जारी दिशा-निर्देशों के उल्लंघन का आरोप लग रहा है. सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के उल्लंघन के बाद सरकार की ओर से जारी विज्ञापनों पर होने वाले खर्च की राशि वसूल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 30, 2017 8:10 AM

नयी दिल्ली : दिल्ली की आम आदमी पार्टी (आप) पर एक बार फिर सरकार के विज्ञापनों की सामग्रियों को लेकर सुप्रीम कोर्ट की ओर से जारी दिशा-निर्देशों के उल्लंघन का आरोप लग रहा है. सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के उल्लंघन के बाद सरकार की ओर से जारी विज्ञापनों पर होने वाले खर्च की राशि वसूल करने के लिए दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने मुख्य सचिव को पार्टी से पैसा वसूलने का आदेश दिया है. सूत्रों के मुताबिक, यह राशि करीब 97 करोड़ रुपये से अधिक है, जिसे सत्ताधारी दल आम आदमी पार्टी से वसूलने का आदेश दिया गया है.

मुख्य सचिव को दिये आदेश में उपराज्यपाल अनिल बैजल ने कहा है कि दिल्ली सरकार के ऐसे विज्ञापनों के पैसे आम आदमी पार्टी से वसूले जायें, जिसमें पार्टी या अरविंद केजरीवाल को बढ़ावा दिया गया है. सूत्रों के मुताबिक, यह रकम करीब 97 करोड़ रुपये की है, जिसमें से कुछ हिस्सा विज्ञापन एजेसियों को भुगतान कर दिया गया है, जबकि बकाया राशि को लेकर विवाद जारी है. सवाल यह भी है कि अब इसका भुगतान कौन करेगा, सरकार या फिर आम आदमी पार्टी.

दरअसल, सरकारी विज्ञापनों में कटेंट रेग्यूलेशन के लिए बनी समिति ने अपनी जांच पड़ताल में ये पाया कि सरकारी विज्ञापनों में छापी गयी सामग्री सुप्रीम कोर्ट की तय किये गये दिशा-निर्देश के मुताबिक नहीं थे, बल्कि इन विज्ञापनों में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को बढ़ावा दिया गया, जबकि दिशा-निर्देश में इसकी मनाही थी. समिति ने अपनी रिपोर्ट तैयार करके मुख्य सचिव को भेज दी थी और अब राजभवन की ओर से कहा गया है कि विज्ञापनों पर खर्च की गयी राशि संबंधित पार्टी यानी आम आदमी पार्टी से वसूल की जाये.

यही नहीं, राजभवन ने कानून विभाग की राय और सूचना एवं विज्ञापन निदेशालय के प्रस्ताव के मुताबिक कहा है कि तुरंत एक नोटिस आम आदमी पार्टी को भेजा जाये, जिसमें उस पैसे की मांग की जाये, जो सरकार पहले ही विज्ञापन एजेंसियों को भुगतान कर चुकी है. साथ ही, आम आदमी पार्टी को भी यह निर्देश दिया जाये कि वो विज्ञापन एजेंसियों के बकाया पैसे को सीधे उन्हीं को भुगतान करे.

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