मुंबई : इस साल जुलाई में आयोजित होनेवाले राष्ट्रपति चुनाव में शिवसेना का वोट भाजपा के लिए काफी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करनेवाला है. शिवसेना के सांसद संजय राउत ने राष्ट्रपति चुनाव पर बातचीत के लिए भाजपा को ‘मातोश्री’ आने को कहा है. उन्होंने इशारा किया कि साल 2007 और साल 2012 के राष्ट्रपति चुनाव के लिए शिवसेना के समर्थन पर बातचीत ‘मातोश्री’ में ही हुई थी.
भाजपा के सूत्रों ने बताया कि पार्टी के लिए मामला जटिल है, क्योंकि तमिलनाडु और ओड़िशा विधानसभाओं के चुनाव के नतीजे अभी सुनिश्चित नहीं है कि दोनों राज्यों में भाजपा का कैसा प्रदर्शन रहेगा. महत्वपूर्ण राज्यों बिहार और दिल्ली में भाजपा के पास काफी संख्या नहीं है. अगर शिवसेना हमें समर्थन नहीं देती है, तो राष्ट्रीय स्तर पर हमें 20-25,000 वोटों की कमी हो सकती है.
महाराष्ट्र विधानसभा में कुल 288 सदस्य हैं. इनमें से भाजपा के पास 122 विधायक हैं. शिवसेना के 63 विधायकों को छोड़ कर भाजपा को समर्थन दे रहे विधायकों की कुल संख्या 134 है. महाराष्ट्र में एक विधायक के वोट का मूल्य 175 है. विधायकों के वोटों के मूल्य के मुताबिक, भाजपा नेतृत्ववाले एनडीए के पास महाराष्ट्र में 34,475 अंक हैं. इसमें शिवसेना के विधायकों के वोटों का मूल्य (11025) भी शामिल है. वहीं, कांग्रेस नेतृत्ववाले यूपीए के पास मौजूदा समय में 15,575 वोट हैं. अगर शिवसेना राष्ट्रपति चुनाव में यूपीए के उम्मीदवार को समर्थन देती है, तो यह संख्या बढ़ कर 26,600 वोट हो जायेगी. अगर ऐसा होगा, तो भाजपा के पास 23,450 वोट रह जायेंगे. इसके अलावा महाराष्ट्र से कुल 67 सांसद संसद में हैं.
लोस में 48 और रास में 19 सांसद हैं. प्रत्येक सांसद के वोट का मूल्य 708 है. एनडीए के पास 52 सांसद हैं. इसमें शिवसेना के भी सांसद शामिल हैं. इनका साझा वोट 36,816 है. यूपीए के पास दोनों सदनों में 15 सांसद हैं और उनके वोटों का कुल मूल्य 10,620 है. अगर शिवसेना भाजपा को छोड़ कर कांग्रेस का समर्थन करती है, तो यूपीए के पास 25,488 अंक हो जायेगा.
हम संघ का काम करते हैं, हमें वहां नहीं जाना
शिवसेना की ओर से संघ प्रमुख मोहन भागवत को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाये जाने की अटकलों पर संघ प्रमुख ने खुद ही विराम लगा दिया है. राष्ट्रपति बनने के सवाल पर संघ प्रमुख ने कहा कि हम संघ के लिए काम करते हैं और हमें वही करते रहना है. हमें वहां जाना भी नहीं है. अगर प्रस्ताव आता भी है, तो हम उसे स्वीकार नहीं करेंगे. बता दें कि शिवसेना के मुखपत्र सामना में मोहन भागवत को राष्ट्रपति पद के लिए योग्य उम्मीदवार बताया गया था.