कश्मीरी नौजवानों को डीजीपी की सलाह- गोली ये नहीं देखती सामने कौन है, इसलिए घर से नही निकलें
श्रीनगर : जम्मू कश्मीर पुलिस ने गुरुवार को कहा कि कश्मीर घाटी में मुठभेड स्थलों पर सुरक्षा बलों पर पथराव करने के लिए जा कर युवा आत्महत्या कर रहे हैं और उसने उनसे इस प्रकार की गतिविधियों से दूर रहने की अपील की. पुलिस महानिदेशक एस पी वैद ने यहां संवाददाताओं से कहा, कि मुठभेड […]
श्रीनगर : जम्मू कश्मीर पुलिस ने गुरुवार को कहा कि कश्मीर घाटी में मुठभेड स्थलों पर सुरक्षा बलों पर पथराव करने के लिए जा कर युवा आत्महत्या कर रहे हैं और उसने उनसे इस प्रकार की गतिविधियों से दूर रहने की अपील की. पुलिस महानिदेशक एस पी वैद ने यहां संवाददाताओं से कहा, कि मुठभेड में सुरक्षा बल एवं पुलिस भी खुद को गोलियों से बचाने के लिए बुलेटप्रूफ वाहन या किसी मकान का सहारा लेती है. मुठभेड स्थलों पर जा कर युवा आत्महत्या कर रहे हैं.’
उन्होंने युवाओं से मुठभेड स्थलों पर नहीं आने की अपील करते हुए कहा कि घाटी में शांति के विरोधी तत्व अपने लघुकालीन राजनीतिक हितों को साधने के लिए उन्हें गुमराह कर रहे हैं और उनका दुरुपयोग कर रहे हैं. वैद ने कहा, ‘‘गोली नहीं जानती कि वह किसे लगेगी. मेरी युवकों से अपील है कि उन्हें अपने घरों में रहना चाहिए और मुठभेड स्थलों पर नहीं जाना चाहिए. युवाओं को यह समझना चाहिए कि लोग अपने लघुकालीन राजनीतिक हितों को साधने के लिए उनका इस्तेमाल कर रहे हैं.’
डीजीपी ने कहा कि दुश्मन तत्व युवाओं को भडकाने के लिए सोशल मीडिया का दुरुपयोग कर रहे हैं ताकि वे आतंकवादियों को मुक्त कराने में मदद करने के लिए सुरक्षा बलों पर पथराव करें. वैद ने कहा, ‘‘मैं कहूंगा कि यह घाटी और हमारे देश में शांति के विरोधी तत्वों द्वारा किया जा रहा सोशल मीडिया का दुरुपयोग है.’ उन्होंने कहा, ‘‘जिस क्षण मुठभेड शुरू होती है, वे करीब 300 वाट्सऐप ग्रुप सक्रिय कर देते हैं जिनमें से हर ग्रुप में 250 से अधिक सदस्य हैं. इसके अलावा वे फेसबुक जैसी अन्य सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट भी सक्रिय कर देते हैं. वे इनके जरिए युवकों को मुठभेड स्थलों पर पहुंचने और पथराव करने के लिए भडकाते हैं ताकि आतंकवादी घटनास्थल से बच कर भाग पाएं.’
वैद ने कहा कि इन वाट्सऐप ग्रुप और अन्य सोशल मीडिया अकाउंट पर नजर रखी जा रही है और उन्हें चलाने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा, ‘‘इनमें से कुछ अकाउंट के बारे में पता चला है कि वे (सीमा) पार के हैं. यह भारत के दुश्मनों की समस्याएं पैदा करने की कोशिश है. इन सभी नंबरों पर नजर रखी जा रही है और यहां से इन्हें चला रहे लोगों के खिलाफ हम कार्रवाई करेंगे.’ डीजीपी ने लोगों से अपील की कि वे हाल में पथराव की घटनाओं में मारे जाने वाले लोगों के परिजन के बारे में सोचें. उन्होंने कहा, ‘‘दो दिन पहले मारे गए लोगों के माता-पिता, बहनों या भाइयों के बारे में सोचिए. लोग मारे गए लोगों को 10 दिन बाद भूल जाएंगे. उनका परिवार सबसे अधिक दुख सहेगा. हम सभी अपने काम कर रहे होंगे.’