नयी दिल्ली : निर्वाचन आयोग ने विधानसभा, लोकसभा और स्थानीय निकायों के चुनावों के नतीजों के आने से पहले एक्जिट पोल, ज्योतिष, टैरो कार्ड रीडर्स आदि के माध्यम से भविष्यवाणी करने पर रोक लगा दी है. आयोग की इस कार्रवाई के बाद अब देश के राजनीतिक पंडित चुनाव नतीजों को लेकर भविष्यवाणी की दुकानदारी नहीं चला सकेंगे. गुरुवार को चुनाव आयोग ने चुनाव के दौररान नतीजों को लेकर ज्योतिषी, टैरो कार्ड रीडर्स या फिर राजनीतिक पंडित की ओर से भविष्यवाणी करने और अनुमान जताने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है. अगर एक्जिट पोल पर प्रतिबंध के दौरान चुनाव नतीजों को लेकर भविष्यवाणी की जाती है या फिर अनुमान जताया जाता है, तो इसे चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन माना जायेगा और संबंधित व्यक्ति के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी.
हाल ही में पांच राज्यों में आयोजित विधानसभा चुनाव के दौरान एक न्यूज पोर्टल की ओर से एक्जिट पोल जारी करने के बाद चुनाव आयोग ने यह कदम उठाया है. आयोग ने इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया से एक्जिट पोल जारी करने या फिर चुनाव परिणाम की भविष्यवाणी का प्रसारण करने से दूर रहने को कहा है, ताकि स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित कराया जा सके.
मीडिया संस्थानों को भेजी गये पपत्र में निर्वाचन आयोग ने कहा है कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 126-ए के तहत किसी को इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट या अन्य संसाधनों के माध्यम से प्रतिबंध के दौरान एक्जिट पोल जारी करने और परिणाम को लेकर भविष्यवाणी करने का अधिकार नहीं है. दरअसल, पिछले कुछ चुनावों में चैनलों की ओर से ज्योतिषियों और टैरो कार्ड रीडर्स को बुलाकर उनसे चुनाव के विजेता के बारे में भविष्यवाणी करायी जा चुकी है.
हाल ही में पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के दौरान एक न्यूज वेब-पोर्टल ने उत्तर प्रदेश का एक्जिट पोल समय से पहले प्रकाशित कर दिया था. इस पर आयोग ने 15 जिलों में संबंधित न्यूज चैनल के संपादकीय प्रभारियों के खिलाफ मामले दर्ज किये थे. साथ ही, न्यूज पोर्टल के संपादक को गिरफ्तार भी किया गया था, लेकिन बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया था.