रायपुर : छत्तीसगढ के नक्सल प्रभावित बस्तर जिले में चार महिला नक्सली समेत 33 नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है. बस्तर जिले के पुलिस अधिकारियों ने आज बताया कि जिला मुख्यालय में राज्य शासन की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर और नक्सलियों की विचारधारा से त्रस्त होकर दरभा डिविजन के कांगरेवेली एरिया कमेटी के 25 माओवादियों और बारसूर एरिया कमेटी (पूर्वी बस्तर डिविजन) के आठ माओवादियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया.
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आत्समर्पण करने वाले नक्सलियों में एक एलओएस सदस्य, दो जनमिलिशिया कमांडर, एक डीएकेएमएस एरिया कमेटी अध्यक्ष, 15 जनमिलिशिया सदस्य, छह सीएनएम सदस्य, तीन संघम सदस्य और एक पंचायत कमेटी सदस्य शामिल हैं.
आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में चार ईनामी सदस्य भी हैं. उन्होंने बताया कि महूपदर एलओएस सदस्य जोगी मडकामी के सर पर एक लाख रुपए, जनमिलिशिया कमांडर दुधी गोंचे के सिर पर एक लाख रुपए का ईनाम, डीएकेएमएस एरिया कमेटी अध्यक्ष पीसो मडकामी के सिर पर एक लाख रुपए और बोधघाट जनमिलिशिया कमांडर फुलराम के सिर पर एक लाख रुपए का ईनाम घोषित है.
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आज के आत्मसमर्पण की सबसे प्रमुख बात कांगेर वेली एरिया कमेटी के एक मुख्य गांव भडरीमहु से एक साथ 14 नक्सली संगठन से जुडे माओवादियों का आत्मसमर्पण करना है. इस गांव के नक्सली संगठन के टूटने के साथ ही कांकेर वेली एरिया कमेटी के सभी गावों में नक्सली संगठन पूरी तरह भंग हो चुका है.
इनके आत्मसमर्पण के साथ ही बस्तर जिले में अब तक कुल 454 माओवादियों ने आत्समर्पण कर दिया है. उन्होंने बताया कि आत्समर्पित नक्सलियों को शासन द्वारा तात्कालिक सहायता के रुप में 10 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि दी जा रही है. इन्हें आवश्यकतानुसार आडावाल स्थित लाइवलीहुड कालेज में विभिन्न कार्यों का प्रशिक्षण देकर पुनर्वास भी किया जाएगा.