दूसरे बटन दबाने पर भी भाजपा को वोट, चुनाव आयोग ने मांगी रिपोर्ट
ग्वालियर : ईवीएम में VVPAT (वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल) की जांच के दौरान ईवीएम के अलग बटन दबाने पर भारतीय जनता पार्टी का चुनाव चिन्ह कमल छप कर बाहर निकला. मामले के प्रकाश में आते ही इलेक्शन कमीशन ने इस पर पूरी रिपोर्ट मांगी है. मध्यप्रदेश के भिड़ में उपचुनाव होना वाला है. जांच […]
ग्वालियर : ईवीएम में VVPAT (वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल) की जांच के दौरान ईवीएम के अलग बटन दबाने पर भारतीय जनता पार्टी का चुनाव चिन्ह कमल छप कर बाहर निकला. मामले के प्रकाश में आते ही इलेक्शन कमीशन ने इस पर पूरी रिपोर्ट मांगी है. मध्यप्रदेश के भिड़ में उपचुनाव होना वाला है. जांच करने पहुंची इलेक्टोरल ऑफिसर सलीना सिंह के साथ मीडिया भी मौजूद थी. जब इस पर मीडिया वालों ने सवाल उठाया तो उन्होंने कहा , अगर किसी ने खबर छापी तो जेल भिजवा दूंगी. उपचुनाव 9 अप्रैल को होना है.
ईवीएम पर सवाल उठने के बाद मध्यप्रदेश में दो सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं. यहां इस बार VVPAT का इस्तेमाल भी होना है. मशीन उस पार्टी का चुनाव चिन्ह प्रिंट बाहर निकालती है जिसको आपने वोट दिया है. इन पर्चियों को चुनाव आयोग कुछ महीनों के लिए सुरक्षित अपने पास रखता है ताकि किसी विवाद को निपटाया जा सके. कल जब सलीना भिंड में इसकी जांच करने पहुंची. दो बार अलग – अलग बटन दबाने के बाद भी भाजपा का चुनाव चिन्ह छपकर बाहर निकला. तीसरी बार कांग्रेस निशान बाहर आया .
जैसे ही कांग्रेस का चिन्ह छपकर निकला उन्होंने कहा अब मशीन काम कर रही है . इस बार में किसी ने खबर छापी तो जेल भिजवा दूंगी. हालांकि बाद में इस मामले पर भिंड कलेक्टर इलैया राजा ने सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने दोनो बार भाजपा का ही बटन दबाया था. सलीना ने मामले को बढ़ता देख प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी बात रखी उन्होंने कहा, पहली बटन दबाने पर उसमें कमल आया, जबकि दूसरी बार दबाने पर पंजा. ऐसा नहीं है कि हर बटन दबाने पर कमल आया हो. मशीने बिल्कुल ठीक काम कर रही है उसमें कोई गड़बड़ी नहीं है.
इस पूरे मामले ने ईवीएम को लेकर एक बार फिर नयी बहस झेड़ दी है. कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा, मुझे तो शुरू से ईवीएम पर भरोसा नहीं है जब पूरी दुनिया में चुनाव वैलेट पेपर पर हो रहा है तो हम क्यों मशीन से चुनाव करा रहे हैं. ध्यान रहे कि उत्तर प्रदेश विधानसभा में मिली हार के बाद बसपा प्रमुख मायावती ने ईवीएम पर सवाल खड़े किये थे. उनके सवालों का कुछ और पार्टी के नेताओं ने समर्थन किया था.