कांग्रेस, आप ने ईवीएम हटाने और मतपत्र से चुनाव करवाने की व्यवस्था बहाल करने को कहा

नयी दिल्ली: कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) ने मध्य प्रदेश में वोटिंग मशीन (ईवीएम) में गडबडी को आज निर्वाचन आयोग के समक्ष उठाया और मांग की कि आगामी चुनावों ईवीएम का प्रयोग रोक दिया जाए और मतपत्र के जरिये चुनाव करवाने की व्यवस्था बहाल की जाए. दोनों दलों के नेताओं ने आज मध्य प्रदेश […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 1, 2017 10:48 PM

नयी दिल्ली: कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) ने मध्य प्रदेश में वोटिंग मशीन (ईवीएम) में गडबडी को आज निर्वाचन आयोग के समक्ष उठाया और मांग की कि आगामी चुनावों ईवीएम का प्रयोग रोक दिया जाए और मतपत्र के जरिये चुनाव करवाने की व्यवस्था बहाल की जाए. दोनों दलों के नेताओं ने आज मध्य प्रदेश में वीवीपीएटी मशीनों के ट्रायल को लेकर वायरल हुए वीडियो के हवाले से वोटिंग मशीनों में गडबडी के अपने दावे को पुख्ता बताया। वीवीपीएटी वे मशीन होती हैं जिससे निकलने वाली पर्ची से पता चलता है कि मतदाता ने किसे वोट दिया.

कांग्रेस के महासचिव दिग्विजय सिंह की अगुवाई वाले प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी को इस मामले की शिकायत कर वीडियो में दिख रहे अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से हटाते हुये मामले की जांच कराने की मांग की है. ज्ञात हो कि वायरल हुए हुए वीडियो में मध्य प्रदेश की अटेर विधानसभा क्षेत्र के लिये कल होने जा रहे उपचुनाव में ईवीएम के ट्रायल के दौरान मशीन में गडबडी पाये जाने की बात उजागर हुयी है.
कांग्रेस नताओं ने साल 2016 में शहडोल संसदीय क्षेत्र के उपचुनाव में भी ऐसी ही गडबडी की शिकायत का हवाला देते हुये इस चुनाव में भी ईवीएम में छेडछाड का मुद्दा उठाया। सिंह ने इसके हवाले से अटेर में तैनात पुलिस अधिकारियों को तत्काल वहां से हटाने की मांग की। प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया, कांग्रेस कानूनी प्रकोष्ठ के प्रमुख के सी मित्तल, महासचिव मोहन प्रकाश और राज्यसभा सदस्य विवेक तनखा शामिल थे. कांगे्रस प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि ईवीएम के प्रयोग की व्यवहार्यता और उनकी विश्वसनीयता तथा मतपत्र की पुरानी व्यवस्था बहाल करने को लेकर सभी दलों को विश्वास में लिया जाएगा.
कांगे्रस ने एक ज्ञापन में कहा, ‘‘ईवीएम में छेडछाड के मद्देनजर पूरी प्रक्रिया की फिर से जांच आवश्यक है. आगामी चुनाव में ईवीएम के प्रयोग से पहले इन मशीनों के रखरखाव, परिचालन और डाटा फीड करने वाले लोगों और एजेंसियों की जांच की जानी चाहिए. कांगे्रस महासचिव मोहन प्रकाश ने कहा, ‘‘लोकतंत्र में बारबार ईवीएम को लेकर संदेह उठते रहते हैं.
हमने मतपत्र के जरिये चुनाव करवाने की मांग की है क्योंकि प्रत्येक वर्ग ईवीएम के बारे में संदेह कर रहा है. यदि वोट डालने को लेकर संदेह हो तो लोकतंत्र कमजोर होगा।” पार्टी के एक अन्य महासचिव दिग्विजय सिंह ने कहा कि अगले चुनाव, भले ही गुजरात में हो या कहीं ओर, मतपत्र के साथ होने चाहिए तथा ईवीएम का प्रयोग बंद होना चाहिए.
उन्होंने ईवीएम के इस्तेमाल की मजबूरी पर सवाल उठाया जिसके चिप आयात किये जाते हैं. उन्होंने दलील दी कि यदि बैंक आफ बांग्लादेश के खातों को हैक किया जा सकता है और आठ करोड डालर चुराये जा सकते हैं, रुसी बैंक से तीन करोड डालर निकाले जा सकते हैं तो ईवीएम के साथ छेडछाड क्यों नहीं हो सकती. सिंह ने कहा कि जब दुनिया भर में, भले ही वे विकसित देश क्यों न हो, चुनाव मतपत्र से हो रहे हैं तो हमें ऐसा करने में दिक्कत क्यों होनी चाहिए.
सिंधिया ने कहा कि हमें उम्मीद है कि चुनाव आयोग हमारी शिकायत पर गंभीरता से कार्रवाई करेगा. आयोग ने हमें आश्वस्त किया है कि वह हमारी शिकायतों पर गंभीरता से विचार करेगा. दिग्विजय सिंह ने कहा, ‘‘आडवाणी (लालकृष्ण) से लेकर मायावती तथा केजरीवाल (अरविन्द) तक मैं उनके साथ हूं.’ उल्लेखनीय है कि आडवाणी ने 2009 के चुनाव में ईवीएम को लेकर सवाल उठाये थे जब संप्रग लगातार दूसरी बार चुनाव जीती थी.

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