नयी दिल्ली/भोपाल :मध्य प्रदेश के भिंड जिले में शुक्रवार को वोटर वेरिफाइएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) की जांच के दौरान इवीएम के दो अलग-अलग बटन दबाने पर केवल भाजपा के निशानवाली पर्चियां ही निकलीं. इस मामले के मीडिया में आने के बाद निर्वाचन आयोग ने गंभीरता से लिया है. शनिवार की सुबह आयोग ने जिला निर्वाचन अधिकारियों से विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी. इसके बाद देर शाम कलेक्टर और एसपी का ट्रांसफर कर दिया.
हालांकि, मध्य प्रदेश की मुख्य निर्वाचन अधिकारी सलीना सिंह ने इस खबर का खंडन किया है. सलीना ने भोपाल में प्रेस कॉन्फ्रेस कर बताया कि इस डेमो के दौरान इवीएम में केवल दो ही बटन दबाये गये. पहला मैंने दबाया, जिससे (भाजपा का निशान) कमल का चिह्न आया और दूसरा वहां मौजूद किसी और व्यक्ति ने दबाया, जिससे (कांग्रेस का निशान) हाथ का पंजा आया.
दरअसल, भिंड जिले की अटेर एवं उमरिया जिले की बांधवगढ़ में नौ अप्रैल को उपचुनाव होना है. अटेर विधानसभा उपचुनाव के मद्देनजर शुक्रवार को वीवीपीएटीवाली वोटिंग मशीन की जांच हो रही थी. इस दौरान दो अलग-अलग बटन दबाने पर भी भाजपा के निशानवाली पर्चियां निकलीं.
* क्या है वीवीपीएटी
वीवीपीएटी एक ऐसी मशीन होती है, जिससे निकली पर्ची यह दिखाती है कि मतदाता ने किस पार्टी को वोट दिया है. मतदाता केवल सात सेकंड तक इस पर्ची को देख सकता है. इसके बाद यह एक डिब्बे में गिर जाती है. मतदाता इसे अपने साथ नहीं ले जा सकता. यह मध्य प्रदेश में पहली बार होगा कि पूरे निर्वाचन क्षेत्र में वीवीपीएटी सभी मतदान केंद्रों में दिखेगा.
* अलग-अलग निकली पर्चियां : आयोग
मप्र निर्वाचन अधिकारी सलीना सिंह ने कहा कि डेमो के दौरान इवीएम मशीन में केवल दो ही बटन दबाये गये. पहला मैंने दबाया, जिससे (भाजपा का निशान) कमल का चिह्न आया और दूसरा वहां मौजूद किसी और व्यक्ति ने दबाया, जिससे (कांग्रेस का निशान) हाथ का पंजा आया. उनसे जब पूछा गया कि डेमो के दौरान दो बार कमल का चिह्न निकला, इस पर सलीना ने जोर देकर कहा कि दो बार कमल का फूल नहीं आया. एक बार कमल का चिह्न और एक बार पंजे का चिह्न आया. डेमो के लिए केवल एक ही मशीन का ही उपयोग किया गया. शुक्रवार को इवीएम मशीनों का ‘छद्म मतदान’ नहीं था, केवल डेमो था, जिसकी ट्रेनिंग दी जा रही थी.
* कार्रवाई और मतपत्र से चुनाव कराने मांग
कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने शनिवार को मध्य प्रदेश में इवीएम के ट्रायल को लेकर वायरल हुए वीडियो के हवाले से वोटिंग मशीनों में गड़बड़ी के अपने दावे को पुख्ता बताया. कांग्रेस के महासचिव दिग्विजय सिंह की अगुआईवाले प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी को इस मामले की शिकायत कर वीडियो में दिख रहे अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से हटाते हुए मामले की जांच कराने की मांग की है. प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया, कांग्रेस लीगल सेल के प्रमुख केसी मित्तल, महासचिव मोहन प्रकाश और राज्यसभा सदस्य विवेक तनखा भी शामिल थे. वहीं, आप संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अप्रैल में होने जा रहे नगर निगम चुनाव में मतपत्रों के इस्तेमाल की मांग को दोहराया. केजरीवाल ने बड़े पैमाने पर इवीएम में छेड़छाड़ करने का आरोप लगाते हुए कहा कि मशीनों में गड़बड़ी की यह लगातार तीसरी घटना है.