चेनानी (जम्मू कश्मीर) : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को देश की सबसे लंबी सुरंग का उद्घाटन किया जो हर मौसम में कश्मीर घाटी को जम्मू से जोड़े रखेगी और 31 किलोमीटर की दूरी कम करेगी. प्रधानमंत्री ने यहां राज्यपाल एन एन वोहरा और मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की उपस्थिति में नौ किलोमीटर लंबी चेनानी-नाशरी सुरंग को राष्ट्र को समर्पित किया जिसका निर्माण 2500 करोड़ रुपये की लागत से हुआ है.
इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कश्मीर घाटी के नौजवानों को संबोधित करते हुए कहा कि पत्थर की ताकत क्या होती है इसे समझने का प्रयास करें. एक तरफ कुछ भटके हुए नौजवान पत्थर मारने में लगे हैं दूसरी तरह वहीं के नौजवान पत्थर काटकर इतिहास बनाने में लगे हैं. यह सुरंग कश्मीर घाटी के टूरिज्म का एक नया इतिहास रचने के लिए तैयार है.
उन्होंने कहा कि ये केवल एक लंबी सुरंग नहीं है. यह जम्मू कश्मीर के लिए विकास की एक लंबी छलांग है. दुनिया के जितने भी लोग हैं उनके लिए इस सुरंग का निर्माण एक बहुत बड़ी खबर है. हिंदूस्तान के किसी और भी क्षेत्र में सुरंग बनी होती तो शायद पर्यावरणविदों का ध्यान इसपर नहीं जाता. यहां इस सुरंग का निर्माण कर हमने हिमालय को बचाने का काम किया है. हमने हिमालय की रक्षा कर दुनिया को संदेश दिया है.
मोदी ने कहा कि इस सुरंग के माध्यम से यहां के टूरिज्म को नयी दिशा मिलेगी. उन्होंने नौजवानों का आह्वान करते हुए कहा कि एक तरफ टूरिज्म है और दूसरी तरफ टेरेरिज्म है. यहां के नौजवान टूरिज्म को अपनाएं. उन्होंने कहा कि देश का हर नागरिक एक बार कश्मीर घूमने की इच्छा रखता है.
मोदी ने कहा कि यह सुरंग हजारो करोड़ रुपे की लागत से बनी है. भले ही इस सुरंग के निर्माण में भारत सरकार के पैसे लगे होंगे, लेकिन इस सुरंग से जम्मू कश्मीर के जवान के पसीनों की सुगंध आ रही है. यहां के 1200 से ज्यादा जवानों ने अपने परिश्रम से इसका निर्माण किया.
उन्होंने कहा कि यह सुरंग कश्मीर घाटी की भाग्यरेखा है. यहां के किसान प्राकृतिक आपदाओं के बीच खेतों और बगीचों में काम करते हैं. लंबे रास्ते के कारण उनके फल, फसलें दिल्ली पहुंचते-पहुंचते खराब हो जाती है. अब इस सुरंग के माध्यम से फसलें व फल आसानी से दिल्ली की मंडियों तक पहुंच जायेगी. किसी भी किसान को जो घाटा होता था, वह घाटा अब नहीं होगा.
उद्घाटन के बाद मोदी ने वोहरा और महबूबा के साथ सुरंग में खुली जीप में कुछ दूरी तक यात्रा की. प्रधानमंत्री, राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने उन अभियंताओं के साथ फोटो खिंचवायी जो इस सुरंग के निर्माण में शामिल थे. हिमाच्छादित ऊंचे पहाड़ों के नीचे से गुजरने वाली इस सुरंग से यात्रा दो घंटे कम हो जाएगी और जम्मू एवं उधमपुर से रामबन, बनिहाल और श्रीनगर जाने वाले यात्रियों को सभी मौसम में सुरक्षित यात्रा प्रदान करेगी.
प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुसार रोजाना करीब 27 लाख रुपये के ईंधन की बचत होने की उम्मीद है. यह सुरंग विश्वस्तरीय सुरक्षा प्रणालियों से लैस है. उम्मीद है कि इससे जम्मू कश्मीर में पर्यटन को प्रोत्साहन मिलेगा.