उधमपुर : कश्मीर के गुमराह युवकों को संदेश देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि ‘40 साल के रक्तपात’ से किसी का फायदा नहीं हुआ और युवाओं को राज्य के विकास एवं भलाई के लिए आतंकवाद के मुकाबले पर्यटन को तवज्जो देना चाहिए.
मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के मशहूर कथन ‘कश्मीरियत, जम्हूरियत, इंसानियत’ को उद्धृत किया और कहा कि इसका ‘मुख्य मकसद’ राज्य को विकास की नई उंचाइयों तक ले जाना है और ‘कोई रुकावट हमें रोक नहीं सकती. ‘ कश्मीर और जम्मू के बीच बनी देश की सबसे लंबी सडक सुरंग के उद्घाटन के लिए पहुंचे मोदी ने कश्मीर में पथराव करने करने वालों से कहा कि पत्थरों का इस्तेमाल बेहतर मकसद- आधारभूत संरचना के निर्माण के लिए किया जा सकता है.
* पाकिस्तान को कड़ा संदेश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया. उन्होंने पाकिस्तान आधारित कश्मीर के लोगों के जरिए पाकिस्तान को बताया कि विकास क्या होता है. जम्मू-कश्मीर सरकार किस तरह के विकास के काम कर रहे हैं. इसके बारे में पाकिस्तान सरकार से पाक अधिकृत कश्मीर के लोग पूछें. पीओके के लोगों को साफ दिखाई देगा कि उनमें और हममें क्या अंतर है.
* कश्मीरी युवकों के सामने दो रास्ते एक रास्ता पर्यटन का है और दूसरा रास्ता आतंकवाद का है
मोदी ने कहा, ‘‘मैं कश्मीरी युवकों से कहना चाहता हूं कि आपके सामने दो रास्ते हैं जो आपका भविष्य तय कर सकते हैं. एक रास्ता पर्यटन का है और दूसरा रास्ता आतंकवाद का है.’ उन्होंने कहा, ‘‘पिछले 40 वर्षों में बहुत रक्तपात हुआ है. मेरी अपनी घाटी खून से लथपथ रही है, मेरे प्यारे कश्मीरी युवाओं, मेरे हिंदुस्तान के प्यारे युवाओं…इस रक्तपात से किसी का फायदा नहीं हुआ है.’ प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर कश्मीर के लोगों ने उसी 40 वर्षों को पर्यटन के विकास के लिए समर्पित किया होता तो आज यहां विश्व स्तर का पर्यटन होता.
* अंधेरे की ओर ले जाएगा सूफी संस्कृति को भूलना : मोदी
नौ किलोमीटर लंबी ‘चेनानी-नाशरी सुरंग’ का उद्घाटन करने के बाद एक रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने कश्मीरी युवकों से कहा कि अगर वे ‘सूफी संस्कृति की बहुमूल्य परंपरा’ की उपेक्षा करते हैं तो ‘वर्तमान को खोएंगे और उनका भविष्य अंधेरे में डूब जाएगा. ‘ प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान पर भी निशाना साधा और कहा कि ‘वे खुद अपनी देखभाल नहीं कर सकते. ‘ उन्होंने कहा कि उनकी सरकार जम्मू-कश्मीर का तेज गति से विकास सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है.
राज्यपाल एन एन वोहरा, मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और कुछ केंद्रीय एवं राज्य मंत्रियों की मौजूदगी वाले कार्यक्रम में मोदी ने राज्य के लोगों से वादा किया कि वह जम्मू-कश्मीर के विकास में कंधे से कंधा मिलाकर खडे हैं तथा उन्होंने इस संदर्भ में राज्य के लोगों का सहयोग मांगा.
उन्होंने कहा, ‘‘मैं कश्मीर घाटी के गुमराह युवकों को बताना चाहता हूं कि वे एक पत्थर की ताकत समझें। एक तरफ जहां कुछ युवक हैं जो पत्थर फेंकते हैं वहीं दूसरी तरफ उसी कश्मीर में ऐसे युवक हैं जो बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए पत्थरों को तराशते हैं.’
* मोदी ने ‘कश्मीरियत, जम्हूरियत और इंसानियत’ पर दिया बल
पीएम मोदी ने कहा कि जब कभी कश्मीर, जम्मू और लद्दाख का जिक्र होता है जो वाजपेयी का वह नारा याद आता है जिसमें ‘कश्मीरियत, जम्हूरियत और इंसानियत’ की बात कही गयी थी. उन्होंने कहा, ‘‘उसी मुख्य मकसद का इस्तेमाल करते हुए हम सद्भाव, भाईचारे, मजबूत इच्छाशक्ति और समर्पण के साथ आगे बढेंगे ताकि युवाओं का भविष्य उज्वल हो सके.’ प्रधानमंत्री ने कहा कि कश्मीर, जम्मू और लद्दाख तीनों क्षेत्रों में विकास को आगे बढ़ाया जाएगा.
* मोदी ने देश के सबसे बड़े सुरंग को बताया जम्मू-कश्मीर के विकास के लिए उंची छलांग
नरेन्द्र मोदी ने कहा, ‘‘इस सुरंग से न सिर्फ कश्मीर एवं जम्मू के बीच दूरी कम होगी, बल्कि यह जम्मू-कश्मीर के विकास के लिए उंची छलांग है.’ उन्होंने कहा, ‘‘भूस्खलन की वजह से कश्मीर-राजमार्ग कई दिनों के लिए बंद हो जाता है और इसका नतीजा यह होता है कि किसानों का उत्पादन बाजार से पहुंचने से पहले नष्ट हो जाता है. ऐसे में यह सुरंग किसानों के लिए वरदान है.’