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बंद करायी जा रही है राजमार्गों पर शराब दुकानें

नयी दिल्ली : राजमार्गों के समीप शराब की दुकानों को बंद करने का अभियान आज भी देशभर में जारी रहा जिस पर विभिन्न तरह की प्रतिक्रियाएं आयी. इस अभियान से नुकसान उठाने वाले रेस्तरां और होटल मालिकों की नजर सहायता के लिए राज्य सरकारों की ओर टिकी है. देश के बडे शहरों में यह अभियान […]

नयी दिल्ली : राजमार्गों के समीप शराब की दुकानों को बंद करने का अभियान आज भी देशभर में जारी रहा जिस पर विभिन्न तरह की प्रतिक्रियाएं आयी. इस अभियान से नुकसान उठाने वाले रेस्तरां और होटल मालिकों की नजर सहायता के लिए राज्य सरकारों की ओर टिकी है. देश के बडे शहरों में यह अभियान जारी रहा. जो शराब दुकानें खुली थीं वहां लोगों की लंबी लंबी कतारें नजर आयीं.

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राष्ट्रीय एवं राज्यीय राजमार्गों के 500 मीटर के दायरे में शराब की बिक्री पर उच्चतम न्यायालय की रोक का समर्थन किया लेकिन उन्होंने कहा कि टुकडों में प्रयासों से कुछ नहीं होगा बल्कि देश में पूर्ण मद्यनिषेध लगाना होगा. बिहार में मद्यनिषेध लागू कर चुके नीतीश ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को महात्मा गांधी के प्रति श्रद्धांजलि के तौर पर इसे लागू करना चाहिए.
भाजपा सांसद किरण खेर ने पंचसितारा होटलों में शराब की बिक्री नहीं करने देने के तर्क पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि यह लाखों लोगों के रोजगार का मामला है और होटल उद्योग को एक बहुत रोजगार सर्जक है. हालांकि उन्हीं के पार्टी सहयोगी और इंदौर से विधायक सुदर्शन गुप्ता ने मांग की कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को मध्यप्रदेश में पूर्ण मद्यनिषेध लगाना चाहिए.
हालांकि दिल्ली में कई बार और रेस्तरा मालिकों ने आबकारी विभाग द्वारा नापी गयी 500 मीटर की दूरी पर सवाल खडा किया और प्रतिवेदन दिए। उनके दावे की पुष्टि की जा रही है. राष्ट्रीय राजधानी में 100 से अधिक शराब बारों एवं दुकानों को शराब नहीं बेचने को कहा गया है, उनमें से ज्यादातर हवाई अड्डे और महिपालपुर के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग आठ पर स्थित हैं मुम्बई में होटल एंड रेस्तरां एसोसिएशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया के अध्यक्ष दिलीप दतवानी ने कहा, ‘‘हम शराब पर रोक का रोजगार पर प्रभाव और इस उद्योग से जुडे अन्य मुद्दों पर चर्चा करने के लिए कल मुख्यमंत्री (देवेंद्र फडणवीस) से मिलेंगे.
उच्चतम न्यायालय के आदेश से महाराष्ट्र में 9925 रेस्तराओं और बारों पर असर पडा है. पंजाब में शादी सीजन चरम पर है और शादी पैलेस के मालिकों ने दावा किया है कि शराब नहीं परोसने का आबकारी विभाग का आदेश सही नहीं है. पंजाब मैरीज पैलेस एंड रिसोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष सुखदेव सिंह सिद्धू ने कहा, उच्चतम न्यायालय के आदेश में मैरेज पैलेस का कहीं जिक्र नहीं है जिन्हें शराब परोसने से रोका गया है.
इसके अलावा, शराब की बिक्री पर रोक है जबकि मैरेज पैलेस तो शराब न तो खरीदते हैं और न ही बेचते हैं. ‘ उन्होंने कहा,‘‘जो लोग पैलेस में कार्यक्रम करते हैं, वे ही अपने मेहमानों को शराब परोसते हैं. अतएव शादी पैलेस को शराब परोसे जाने से नहीं रोकना चाहिए.
वैसे अधिकारियों ने कहा कि पंजाब का आबकारी विभाग इस मामले में महाधिवक्ता की राय ले रहा है. इस बीच विपक्षी शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने कांग्रेस सरकार से आतिथ्य क्षेत्र को बचाने के तरीके ढूढने का आह्वान किया. ओडिशा सरकार का अनुमान है कि उसे सलाना 1200 करोड रपये का राजस्व नुकसान होगा क्योंकि 1167 शराब दुकानों को शराब बेचने से रोक दिया गया है.
ओडिशा के आबकारी विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, राज्य को वैट के अलावा सलाना 1200 करोड रपये का नुकसान होने की संभावना है यदि 1167 शराब दुकानें इस साल के लिए बंद कर दी गयीं. उन्होंने कहा, राज्य सरकार ने वित्त वर्ष 2017-18 के लिए 3300 करोड आबकारी राजस्व कमाने का लक्ष्य तय कर रखा था. राष्ट्रीय एवं राज्यीय राजमार्गों के 500 मीटर के दायरे में शराब की दुकानें बंद होने से राजस्व नुकसान के अलावा बडी संख्या में लोगों की नौकरियां भी चले जान का खतरा है.
पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ में राजमार्गों पर मद्यनिषेध के बाद प्रभावित होटलों, रेस्तराओं के असहाय मालिक अब अपना अपना कारोबार बचाने क लिए संबंधित राज्य सरकार की ओर उम्मीद भरी निगाहों से देख रहे हैं. उन्होंने उच्चतम न्यायालय की पाबंदी पर चर्चा करने के लिए केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री महेश शर्मा, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से मुलाकात करने का भी फैसला किया है.
होटल एंड रेस्तरां एसोसिएशन ऑफ हरियाणा के अध्यक्ष मनबीर चौधरी ने आज कहा कि इस पाबंदी से अकेले हरियाणा में 25000 लोगों की नौकरियां चली जाएंगी. केरल को शीर्ष अदालत के आदेश के बाद 1956 शराब दुकानें बंद होने से 5000 करोड रुपये का नुकसान होने का डर सता रहा है. राज्य के वित्त मंत्री थॉमस इसाक ने कहा कि राजस्व घाटा सरकार के वित्तपोषण पर गहरा असर डालेगा। इस संकट से उबरने के लिए सरकार विभिन्न विकल्पों पर विचार कर रही है.
उच्चतम न्यायालय ने हाल ही में अपने एक आदेश में कहा था कि राष्ट्रीय एवं राज्यीय राजमार्गों के 500 मीटर के दायरे में आने वाली शराब दुकानें एक अप्रैल से बंद करनी होगी. उसने बीस हजार से अधिक जनसंख्या वाले क्षेत्रों में राजमार्गों से 220 मीटर की दूरी पर शराब की दुकानों को चलने की अनुमति दी.

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