नयी दिल्ली/न्यूयॉर्क : भारत-पाकिस्तान के मुद्दों को सुलझाने में अमेरिका की किसी तरह की भूमिका को भारत ने मंगलवार को खारिज कर दिया. इससे कुछ घंटे पहले ही यूएन में अमेरिकी राजदूत निक्की हेली ने कहा था कि ट्रंप प्रशासन भारत-पाक के बीच तनाव को कम करने के प्रयासों में अपनी जगह बना सकता है.
नयी दिल्ली में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा,‘भारत-पाकिस्तान के सभी मुद्दों को आतंकवाद और हिंसा से मुक्त माहौल में द्विपक्षीय तरीके से ध्यान देने के सरकार के रुख में बदलाव नहीं आया है. हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय और संगठनों से अपेक्षा करते हैं कि पाकिस्तान से पनपनेवाले आतंकवाद को लेकर अंतरराष्ट्रीय प्रणाली लागू करें, जो हमारे क्षेत्र और उससे परे शांति और स्थिरता के लिए एकमात्र सबसे बड़ा खतरा बना हुआ है.’ वह हेली के न्यूयॉर्क में प्रेस कॉन्फ्रेंस में आये इन बयानों के संबंध में पूछे गये सवाल का जवाब दे रहे थे कि ‘यह पूरी तरह सही है कि अमेरिकी प्रशासन भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों को लेकर चिंतित है और इस बात को उत्सुकता से देख रहा है कि हम किसी भी तरह के तनाव को बढ़ने से कैसे रोकें.’
मसूद पर शिकंजा : कार्रवाई से नहीं रोक सकता चीन का वीटो
अमेरिका ने पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगाने के यूएन के प्रयासों पर चीन के लगातार विरोध के बीच मंगलवार को कहा कि जो देश आतंकवादियों पर प्रतिबंध लगाने से रोकने के लिए वीटो पावर का इस्तेमाल कर रहे हैं, वे हमें कार्रवाई से नहीं ‘रोक’ पायेंगे. इसे अमेरिका का चीन को खुली चुनौती समझा जा रहा है. यूएन में अमेरिका की राजदूत निक्की हेली ने यहां संवाददाताओं से कहा,‘प्रशासन इन सभी रास्तों पर विचार कर रहा है.’