सुप्रीम कोर्ट ने WhatsApp निजता नीति का मामला संवैधानिक पीठ के पास भेजा, 18 अप्रैल को सुनवाई
नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने सोशल मीडिया साइट व्हाट्सएप की निजता नीति के मामले को आज एक संविधान पीठ के पास भेज दिया जो 18 अप्रैल को इस मामले पर सुनवाई करेगी. प्रधान न्यायाधीश जे एस खेहर और न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड की पीठ ने कहा कि सभी पक्षों को संविधान पीठ के समक्ष […]
नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने सोशल मीडिया साइट व्हाट्सएप की निजता नीति के मामले को आज एक संविधान पीठ के पास भेज दिया जो 18 अप्रैल को इस मामले पर सुनवाई करेगी. प्रधान न्यायाधीश जे एस खेहर और न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड की पीठ ने कहा कि सभी पक्षों को संविधान पीठ के समक्ष पेश होना चाहिए और सुनवाई के लिए सामने आने वाले मामलों को तय करना चाहिए.
न्यायालय ने 16 जनवरी को केंद्र और दूरसंचार नियामक ट्राई से उस याचिका पर प्रतिक्रिया देने को कहा था, जिसमें कहा गया था कि व्हाट्सएप और फेसबुक जैसी सोशल मीडिया साइटें निजी संवाद के कथित वाणिज्यिक इस्तेमाल के लिए 15 करोड़ 70 लाख भारतीयों की निजता का उल्लंघन कर रही हैं.
इससे पहले दिल्ली उच्च न्यायालय ने व्हाट्सएप पर यह रोक लगा दी थी कि वह 25 सितंबर 2016 तक की सूचना फेसबुक से साझा नहीं करेगी. इसकी नयी निजता नीति 25 सितंबर 2016 को ही प्रभाव में आई थी. अदालत ने पिछले साल सितंबर में अपने आदेश में व्हाट्सएप को आदेश दिया था कि वह 25 सितंबर 2016 से पहले सेवा का इस्तेमाल करना छोड़ चुके लोगों की सूचना (डेटा) को डिलीट कर दे.
अदालत ने केंद्र एवं ट्राई को आदेश दिया था कि वह व्हाट्सएप जैसी इंटरनेट मैसेजिंग एप्लीकेशन की कार्य प्रणाली को वैधानिक नियामक ढांचे के तहत लाने की व्यवहार्यता का पता लगाए. व्हाट्सएप ने पहले उच्च न्यायालय को सूचित किया था कि जब कोई यूजर अकाउंट डिलीट करता है तो उस व्यक्ति की सूचना उसके सर्वर पर नहीं रहती.