बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में सुनवाई आज : आडवाणी, जोशी और उमा पर सुप्रीम कोर्ट सुना सकता है कोई बड़ा फैसला
नयी दिल्ली : बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को कोई बड़ा फैसला सुना सकता है. बीते करीब दो दशक से शीर्ष अदालत में इस मामले की सुनवाई चल रही है. इस मामले में भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, कल्याण सिंह, विनय कटियार समेत करीब 12 नेताओं […]
नयी दिल्ली : बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को कोई बड़ा फैसला सुना सकता है. बीते करीब दो दशक से शीर्ष अदालत में इस मामले की सुनवाई चल रही है. इस मामले में भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, कल्याण सिंह, विनय कटियार समेत करीब 12 नेताओं के नाम शामिल हैं, जिन पर बाबरी मस्जिद को विध्वंस करने के लिए साजिश रचने का आरोप है.
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने बीते छह 6 मार्च को अयोध्या मामले की सुनवाई में हो रही देरी पर चिंता जतायी थी. इसके बाद शीर्ष अदालत ने अभी हाल ही में भाजपा के नेता और पेशे से वकील सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी भी की थी कि स्वामी इस मामले में कोई मुख्य अभियोजक नहीं हैं.
स्वामी ने अपनी याचिका में कोर्ट से बाहर इस मामले को सुलझाने की बात कही थी. 6 मार्च की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पूछा था कि क्यों नहीं लखनऊ और रायबरेली की अलग-अलग अदालतों में चल रहे मुकदमों का ट्रायल एक साथ किया जाये. कोर्ट के इस सुझाव का सीबीआई ने भी समर्थन किया था.
अगर कोर्ट दोनों मुकदमों के एक साथ ट्रायल का आदेश देती हैं, तो आडवाणी और दूसरे आरोपियों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं, क्योंकि तब उन्हें आपराधिक साजिश के मुकदमे का भी सामना करना पड़ेगा. इस वक्त विवादित ढांचा विध्वंस करने को लेकर दो मुकदमे लखनऊ और रायबरेली की अदालतों में चल रहे हैं. लखनऊ का मुकदमा उन कारसेवकों के खिलाफ हैं, जिन्होंने विवादित ढांचे को गिराया था.
वहीं, रायबरेली वाले मामले में आडवाणी, उमा भारती, मुरली मनोहर जोशी, विनय कटियार, अशोक सिंघल, गिरिराज किशोर जैसे भाजपा और संघ परिवार से जुड़े लोगों पर उकसाने वाला भाषण देने के लिए आरोपी बनाया गया था.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 21 मई, 2010 को भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती समेत भाजपा और विश्व हिंदू परिषद के नेताओं के खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र का मामला हटा दिया था, जिसके खिलाफ सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है.