भारत पहुंची पीएम हसीना, भारत-बांग्लादेश के बीच होंगे 25 समझौते, जानें कुछ अहम बातें

नयी दिल्ली : बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना अपनी चार दिवसीय भारत यात्रा पर शुक्रवार को दिल्ली पहुंचीं. भारत प्रवास के दौरान वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय हित के मुद्दों पर बातचीत करेंगी. हसीना के स्वागत के लिये मोदी यहां हवाईअड्डा पर मौजूद थे. हसीना के प्रवास के दौरान दोनों पक्षों के बीच […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 7, 2017 9:41 AM

नयी दिल्ली : बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना अपनी चार दिवसीय भारत यात्रा पर शुक्रवार को दिल्ली पहुंचीं. भारत प्रवास के दौरान वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय हित के मुद्दों पर बातचीत करेंगी. हसीना के स्वागत के लिये मोदी यहां हवाईअड्डा पर मौजूद थे. हसीना के प्रवास के दौरान दोनों पक्षों के बीच असैन्य परमाणु सहयोग एवं रक्षा समेत विभिन्न अहम क्षेत्रों में कम से कम 25 समझौतों पर हस्ताक्षर किये जाने की संभावना है हालांकि तीस्ता जल बंटवारा पर किसी समझौते की संभावना कम है.

दोनों नेताओं के बीच वार्ता के दौरान तीस्ता समझौते को लेकर बने गतिरोध के अलावा आतंकवाद से मुकाबला, कट्टरपंथ पर काबू और सुरक्षा सहयोग में वृद्धि जैसे मुद्दों के प्रमुखता से उठने की संभावना है. हसीना के इस दौरे का सबसे अहम मकसद भारत को तीस्ता नदी के पानी पर लंबित समझौते के लिए तैयार करना है. लेकिन, भारत तीस्ता समझौते की सफलता को लेकर आशान्वित नहीं है, क्योंकि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इसका मजबूती से विरोध करती रही हैं. ऐसी खबर है कि केंद्र सरकार ममता को शामिल किये बगैर समझौते पर आगे नहीं बढ़ेगी. वैसे ममता शेख हसीना के सम्मान में आयोजित भोज में शामिल होंगी. हसीना राष्ट्रपति भवन में ठहरेंगी.

सितंबर, 2011 में भी ममता की आपत्ति के बाद अंतिम समय में तीस्ता समझौता नहीं हो पाया था. बांग्लादेश के लिए विशेषकर दिसंबर से लेकर मार्च की अवधि में पानी की कमी के चलते तीस्ता का जल महत्वपूर्ण हो जाता है, क्योंकि इस दौरान जल का प्रवाह अक्सर अस्थायी रुप से 1,000 क्यूसेक से लेकर 5,000 क्यूसेक से भी नीचे तक चला जाता है. एक अधिकारी ने कहा, यह यात्रा बिना पानी की होगी. तीस्ता समझौता दोनों देशों के लिए एक अहम राजनीतिक जरूरत है. इससे भारत को बांग्लादेश में चीन के बढ़ते प्रभाव पर अंकुश लगाने में सहायता मिलेगी. दूसरी ओर, हसीना को इससे अगले साल के आम चुनावों के पहले खुद को बड़े नेता के तौर पर स्थापित करने में सहूलियत होगी.

बांग्लादेश के लिए तीस्ता अहम

भारत व बांग्लादेश से होकर चार बड़ी नदियां गुजरती हैं- गंगा, ब्रह्मपुत्र, मेघना और तीस्ता. यह सिक्किम की पहाड़ियों से निकल कर भारत में लगभग 300 किलोमीटर का सफर तय करने के बाद बांग्लादेश पहुंचती है. वहां इसकी लंबाई 121 किलोमीटर है. तिस्ता इसलिए अहम है कि बांग्लादेश का करीब 14 फीसदी इलाका सिंचाई के लिए इसी नदी के पानी पर निर्भर है. इससे बांग्लादेश की 7.3 फीसदी आबादी को प्रत्यक्ष रोजगार मिलता है.

… लेकिन ममता कर रहीं विरोध

दरअसल उत्तर बंगाल के किसानों की आजीविका तीस्ता नदी के पानी पर निर्भर है. ममता बनर्जी कहती रही हैं कि इसके पानी में कमी से बंगाल के छह जिलों में खेती सीधे तौर पर प्रभावित होगी. किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा. 2011 में भी ममता बनर्जी के विरोध की वजह से तीस्ता पर समझौता होते-होते रह गया था. तब तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ढाका गये थे. इससे पहले वर्ष 1983 में तीस्ता के पानी पर बंटवारे पर एक तदर्थ समझौता हुआ था. इसके तहत बांग्लादेश को 36 फीसदी और भारत को 39 फीसदी पानी के इस्तेमाल का हक मिला. बाकी 25 फीसदी का आवंटन नहीं किया गया.

शेख मुजिबुर के नाम पर सड़क, 50 करोड़ डॉलर का कर्ज देगा भारत

शेख हसीना के दौरे के पहले दिल्ली के पार्क स्ट्रीट का नामकरण उनके पिता शेख मुजिबुर रहमान के नाम पर किया गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और हसीना के बीच शनिवार को रक्षा क्षेत्र में सहयोग प्रगाढ़ करने और बांग्लादेश को सैन्य साजोसामान की आपूर्ति पर समझौता होगा. भारत सैन्य आपूर्ति के लिए बांग्लादेश को 50 करोड डॉलर का कर्ज देने की घोषणा करेगा. मोदी और शेख हसीना शनिवार को दोपहर 12.30 बजे खुलना से कोलकाता के बीच ट्रेन के ट्रायल रन को हरी झंडी दिखायेंगे.

Next Article

Exit mobile version