जम्मू-कश्मीर हिमस्खलन : बटालिक सेक्टर में सैन्य चौकी बर्फ में दबी, झारखंड के रहने वाले तीन जवान शहीद
श्रीनगर: कश्मीर में भारी हिमपात से कई स्थानों पर हिमस्खलन की घटनाएं हुई हैं जिसकी चपेट में बटालिक सेक्टर में भारतीय सेना का एक पोस्ट आ गया है. जानकारी के अनुसार इस घटना में पांच सैनिक बर्फ में दब गये हैं, जिनमें से तीन सैनिकों की मौत की खबर है. बर्फ में दबे दो सैनिक […]
श्रीनगर: कश्मीर में भारी हिमपात से कई स्थानों पर हिमस्खलन की घटनाएं हुई हैं जिसकी चपेट में बटालिक सेक्टर में भारतीय सेना का एक पोस्ट आ गया है. जानकारी के अनुसार इस घटना में पांच सैनिक बर्फ में दब गये हैं, जिनमें से तीन सैनिकों की मौत की खबर है. बर्फ में दबे दो सैनिक सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है.
शहीद हुए तीनों जवान झारखंड के रहने वाले थे. शहीद हुए जवान में रांची के रहने वाले हवलदार प्रभुदेव शायु किरके,पाकुड़ के रहने वाले लांस नायक बिहारी मरांडी एवं रांची के रहने वाले सिपाही कुलदीपलकड़ा शामिल हैं. 43 वर्षीय प्रभु शायु किरके रांची के सिमना गांव,34वर्षीय बिहारी नायक पाकुड़ के हिरणपुर के रामनाथपुर के रहने वाले थे, जबकि22वर्षीय कुलदीप लकड़ा रांची के बिशाखा तंगा के रहने वाले थे.
इस संबंध में भारतीय सेना के उधमपुर मुख्यालय के नॉर्दर्न कमांड ने जानकारी दी कि अभूतपूर्व हिमपात के कारण हिमस्खलन की कई घटनाएं हुईं, जिसमें बटालिक सेक्टर में स्थित एक सैन्य चौकी मलबे के नीचे दब गयी. मलबे में दबे पांच जवानों में से दो को सुरक्षित निकाल लिया गया जबकि आज सुबह बर्फ में दबे तीन जवानों के शवों को निकाला गया.
अप्रैल महीने में पहली बार हुई भारी बारिश ने पूरी कश्मीर वादी में थलथली मचा दी है. श्रीनगर में बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है और कई इलाकों में हाइ अलर्ट घोषित किया गया है. अधिकतर नदी-नाले और दरियाओं में पानी खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है. कई इलाके पानी में डूब गये हैं. एलओसी ट्रेड को भी बंद कर देना पड़ा है. कश्मीर में करीब दस साल बाद अप्रैल माह में भारी बर्फबारी भी हुई है.
सूबे के हालात को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से आज बात की और घाटी में बाढ की स्थिति से निपटने के लिए हर संभव मदद का भरोसा दिलाया. मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘राज्य में बाढ के हालात को लेकर जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से बात की. हालात से निपटने के लिए केंद्र के हर संभव सहयोग का भरोसा दिलाया.’ मोदी ने महबूबा से ऐसे समय में बात की है जब कश्मीर घाटी में बाढ की स्थिति पैदा हो गयी है. झेलम नदी में बाढ आ गई है.
आपको बता दें कि कश्मीर में वर्ष 2014 में भी अभूतपूर्व बाढ आयी थी और उस समय श्रीनगर समेत आवासीय क्षेत्रों में कई फुट तक पानी भर गया था.