शराब बिक्री पर सुप्रीम कोर्ट का प्रतिबंध, देश भर में राजमार्गों को स्थानीय सड़कों में कर दिया गया तब्दील

नयी दिल्ली : राजमार्गों पर शराब बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के उच्चतम न्यायालय के आदेश के महज कुछ ही दिनों बाद महाराष्ट्र, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान जैसे राज्यों में सैकड़ों किलोमीटर राज्य राजमार्गों को स्थानीय, म्युनिसिपल या जिला सड़कों में तब्दील कर दिया गया है. ज्यादातर राज्यों ने राजमार्गों को स्थानीय सड़कों में तब्दील किये […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 9, 2017 10:08 PM

नयी दिल्ली : राजमार्गों पर शराब बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के उच्चतम न्यायालय के आदेश के महज कुछ ही दिनों बाद महाराष्ट्र, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान जैसे राज्यों में सैकड़ों किलोमीटर राज्य राजमार्गों को स्थानीय, म्युनिसिपल या जिला सड़कों में तब्दील कर दिया गया है. ज्यादातर राज्यों ने राजमार्गों को स्थानीय सड़कों में तब्दील किये जाने का कोई खास कारण नहीं बताया है और कुछ ने तो इस बात से भी इनकार कर दिया कि ये कदम शीर्ष न्यायालय के आदेश के मद्देनजर उठाये गये हैं.

हालांकि, ज्यादातर फैसले शीर्ष न्यायालय के 31 मार्च के आदेश के बाद लिये गये हैं. पिछले हफ्ते महाराष्ट्र सरकार ने तीन नगर निगमों के इलाकों से होकर गुजरने वाले राजमार्गों की श्रेणी बदलने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी जबकि हिमाचल प्रदेश ने 16 राज्य राजमार्गों को बड़ी जिला सड़कों के रूप में तब्दील कर दिया.

महाराष्ट्र के पीडब्लयूडी मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने बताया कि सरकार को जलगांव, लातूर और यवतमाल नगर निगमों से प्रस्ताव मिले थे जिनके तहत राजमार्गों को गैर अधिसूचित किये जाने की मांग की गयी थी और उन्हें मंजूरी दे दी गयी. पश्चिम बंगाल सरकार ने विभिन्न नगर निगम क्षेत्रों से होकर गुजरने वाले करीब 275 किलोमीटर राज्य राजमार्गों को सहायक सड़कें घोषित कर दी.

राजमार्ग पर शराब बिक्री पर प्रतिबंध के शीर्ष न्यायालय के 15 दिसंबर 2016 के आदेश और उच्चतम न्यायालय द्वारा 31 मार्च को इसकी पुष्टि के बीच राज्य पीडब्ल्यूडी वेबसाइट पर 16 मार्च को अधिसूचना डाली गयी. राज्य सरकार ने इसके लिये कोई कारण भी नहीं बताया.

उत्तराखंड ने भी इसी तरह का एक फैसला किया। राज्य कैबिनेट ने स्थानीय नगर निकाय इलाकों में स्थित राजमार्गों को गैर अधिसूचित किये जाने और उन्हें अन्य जिला सड़कों की श्रेणी में डाले जाने की इजाजत देते हुए कहा कि उनके रखरखाव और विस्तार में राजमार्ग के नियम कायदे आड़े आ रहे थे. विपक्षी कांग्रेस ने दावा किया है कि यह शराब कारोबार की मदद करने का बहाना मात्र है जो राजस्व का एक बड़ा स्रोत है.

राजस्थान में कुछ सडकों को गैर अधिसूचित कर दिया गया जबकि पंजाब सरकार ने सात राज्य राजमार्गों को नगरीय सडकों में तब्दील कर दिया. पंजाब और हरियाणा सरकार के अधिकारियों ने कहा कि गैर अधिसूचित की गई सडकें सिर्फ बाईपास मार्ग हैं. इस बीच, गोवा में मनोहर पर्रिकर सरकार को विपक्ष के कुछ नेताओं की आलोचना का सामना करना पडा जिन्होंने मांग की कि वह राज्य में पर्यटन उद्योग को बचाने के लिए आगे आएं.

वहीं, आप ने मांग की है कि राज्य सरकार उन स्थानों पर राज्य राजमार्गों को गैर अधिसूचित करने की दिशा में काम करे, जहां कहीं यह कानूनन व्यवहार्य हो. पर्रिकर ने एक कार्यक्रम में कहा था कि भारत विशाल देश है…गोवा एक पर्यटन राज्य है, हमें कुछ राहत की जरुरत है. लेकिन मैं राजमार्गों को गैर अधिसूचित नहीं करने जा रहा.

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