खुर्शीद ने कहा, अध्यादेशों पर राष्ट्रपति का फैसला अंतिम

नयी दिल्ली: भ्रष्टाचार निरोधक कदमों के लिए अध्यादेश के रास्ते को अपनाने पर केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा मंजूरी नहीं दिये जाने के कुछ दिन बाद केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद ने आज संकेत दिया कि इस मामले में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की सलाह मांगी गयी थी और इस तरह के मामलों में सरकार को राष्ट्रपति की इच्छाओं […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 9, 2014 6:53 PM

नयी दिल्ली: भ्रष्टाचार निरोधक कदमों के लिए अध्यादेश के रास्ते को अपनाने पर केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा मंजूरी नहीं दिये जाने के कुछ दिन बाद केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद ने आज संकेत दिया कि इस मामले में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की सलाह मांगी गयी थी और इस तरह के मामलों में सरकार को राष्ट्रपति की इच्छाओं का सम्मान करना चाहिए.उन्होंने सीएनएन आईबीएन पर प्रसारित ‘डेविल्स एडवोकेट’ कार्यक्रम में करण थापर से बातचीत में कहा, ‘‘क्या आपको राष्ट्रपति से संवाद नहीं करना चाहिए? आखिरकार राष्ट्रपति देश के प्रमुख हैं. वह देश के लिए पिता के समान दर्जा रखते हैं. अगर आप कुछ करना चाहते हैं तो आपको उनसे सलाह क्यों नहीं लेनी चाहिए.’’ खुर्शीद से पूछा गया था कि क्या सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों ने अध्यादेशों के मुद्दे पर राष्ट्रपति का मिजाज जानने के लिए उनसे मुलाकात की थी.

मंत्री ने कहा कि विधेयक, अध्यादेश या देश के लिए महत्वपूर्ण फैसले राष्ट्रपति को अनभिज्ञ रखकर या उनकी मंजूरी के बिना नहीं लिये जा सकते.खुर्शीद ने कहा कि इस तरह अध्यादेशों के विषय पर राष्ट्रपति का नजरिया महत्वपूर्ण था.उन्होंने कहा, ‘‘अंतत: , राष्ट्रपति का दृष्टिकोण जरुरी था, जिसे अत्यंत आवश्यक और महत्वपूर्ण समझा जाना चाहिए जिस पर तत्काल कार्रवाई की जरुरत होती है. अगर वह सोचते हैं कि ऐसा नहीं है तो हमें उनकी इच्छाओं का सम्मान करना चाहिए.’’ जब उनसे पूछा गया कि क्या सरकार ने अध्यादेश नहीं लाकर राष्ट्रपति की सलाह मानी है, इस पर खुर्शीद ने कहा, ‘‘मुङो इस बात की जानकारी नहीं है. मैं सिर्फ इतना कह रहा हूं कि हम हमेशा राष्ट्रपति की इच्छाओं का सम्मान करते ह

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