नयी दिल्ली : संबंधों में चल रहे तनाव के बावजूद भारत और चीन की नौसेना ने अदन की खाड़ी में उस व्यापारिक पोत को बचाने के लिए समन्वित अभियान चलया, जिसे समुद्री लुटेरों ने अगवा कर लिया था. ‘ओएस 35’ पोत से संकट संबंधी सूचना मिलने के बाद भारतीय नौसेना ने दो युद्ध पोतों आइएनएस मुंबई और आइएनएस तर्कश को भेजा, जबकि चीनी नौसेना ने मिसाइल क्षमतावाले पोत को रवाना किया.
इस व्यावसायिक पोत पर चालक दल के 19 सदस्य सवार थे, जो सभी फिलीपींस के नागरिक हैं. यह पोत मलयेशिया में केलांग से यमन के तटीय शहर अदन की ओर जा रहा था. भारतीय नौसेना ने एक हेलीकॉप्टर प्रदान किया, जिसने एयर कवर प्रदान किया. पीएलए ने पोत की सफाई के लिए अपने 18 कर्मियों को तैनात किया. यह व्यापारिक पोत प्रशांत महासागर के द्वीप तुवालू में पंजीकृत है. ये दोनों भारतीय युद्धपोत विदेश में तैनाती के तहत इस क्षेत्र में थे. नौसना के प्रवक्ता कैप्टन डीके शर्मा ने कहा कि चालक दल के सभी 19 सदस्य सुरक्षित हैं. पाकिस्तान और इटली के युद्धपोतों ने भी इस अभियान में मदद की.
भारत -चीन की नौसेना के बीच शानदार ढंग से समन्वित अभियान उस वक्त चलाया गया, जब दलाई लामा के तवांग दौरे सहित कई मुद्दों को लेकर दोनों देशों के संबंधों में तनाव चल रहा है. अभियान पूरा होने के बाद चीनी नौसेना ने इस सफल अभियान में भूमिका निभाने पर भारतीय नौसेना का आभार प्रकट किया.