मोदी युग में अटल युग का अंत ? राष्ट्रधर्म की मान्यता खत्म

नयी दिल्ली : भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के द्वारा शुरू की गयी पत्रिका राष्ट्रधर्म पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं. सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने राष्ट्रधर्म पत्रिका के डायरेक्टेट ऑफ एडवरटाइजिंग एंड विजुअल पब्लिसिटी की मान्यता को रद्द कर दिया है. जिसके बाद पत्रिका के भविष्य पर सवाल खड़े हो गये […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 10, 2017 11:50 AM

नयी दिल्ली : भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के द्वारा शुरू की गयी पत्रिका राष्ट्रधर्म पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं. सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने राष्ट्रधर्म पत्रिका के डायरेक्टेट ऑफ एडवरटाइजिंग एंड विजुअल पब्लिसिटी की मान्यता को रद्द कर दिया है. जिसके बाद पत्रिका के भविष्य पर सवाल खड़े हो गये हैं. मान्यता रद्द होने के बाद अब इस पत्रिका को सरकारी विज्ञापन नहीं मिलेंगे.

* पत्रिका के संपादक थे वाजपेयी

गौरतलब हो कि राष्‍ट्रधर्म पत्रिका के संस्‍थापक संपादक भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी थे. उन्‍हीं के संपादकत्व में 1947 में पत्रिका की शुरुआत हुई थी. इस पत्रिका के संस्थापक प्रबंधक जनसंघ के संस्थापक सदस्य पं दीनदयाल उपाध्याय थे. पत्रिका का उदेश्य था कि संघ के द्वारा देश के लोगों में धर्म के बारे में जानकारी देना.

* क्यों मान्यता हुई रद्द

मीडिया में चल रही खबरों के अनुसार मान्‍यता रद्द होने के पीछे कारण तो बताये जा रहे हैं उसके अनुसार अक्तूबर 2016 के बाद पत्रिका की एक भी कॉफी डीएवीपी और पीआईबी ऑफिस में जमा नहीं कराया गया है.

Next Article

Exit mobile version