…तो क्या गृहमंत्रालय के इनपुट के बावजूद चुनाव आयोग ने श्रीनगर में कराया उपचुनाव!
नयी दिल्ली : पिछले रविवार को श्रीनगर संसदीय सीट के उपचुनाव में बड़े पैमाने पर हुई हिंसा के बाद चुनाव आयोग की कार्रवाई पर कई सवाल खड़े किये जा रहे हैं. इस उपचुनाव के दौरान हुई हिंसा में करीब आठ लोगों की मौत हो गयी थी और करीब डेढ़ सौ से अधिक लोग घायल हो […]
नयी दिल्ली : पिछले रविवार को श्रीनगर संसदीय सीट के उपचुनाव में बड़े पैमाने पर हुई हिंसा के बाद चुनाव आयोग की कार्रवाई पर कई सवाल खड़े किये जा रहे हैं. इस उपचुनाव के दौरान हुई हिंसा में करीब आठ लोगों की मौत हो गयी थी और करीब डेढ़ सौ से अधिक लोग घायल हो गये थे. सबसे अहम यह कि भारी हिंसा के बीच हुए उपचुनाव में केवल 6.5 प्रतिशत मतदान हुआ था, जो भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में सबसे कम मतदान माना जा रहा है.
इस घटना के बाद कश्मीर में सत्तारूढ़ पीडीपी ने चुनाव आयोग से मांग की है कि 12 अप्रैल को अनंतनाग संसदीय क्षेत्र में होने जा रहे उपचुनाव को स्थगित कर दिया जाये. इसके साथ, इस मामले से जुड़ी एक बड़ी खबर गृह मंत्रालय से आ रही है, जिसमें यह कहा जा रहा है कि कश्मीर की इन दो सीटों पर अभी चुनाव करवाने को लेकर मंत्रालय ने चुनाव आयोग से अपनी असमर्थता जाहिर की थी.
सूत्रों ने बताया कि मंत्रालय ने लिखित में आयोग को यह कहा था कि अभी यहां चुनाव नहीं करवाना चाहिए, लेकिन मंत्रालय की आपत्ति को नजरअंदाज करते हुए आयोग ने इन दो सीटों पर चुनाव करवाने का फैसला किया था.
रविवार को कश्मीर में हिंसा की लगभग 200 घटनाएं दर्ज की गयीं, जिनमें करीब सौ सुरक्षाकर्मियों के साथ करीब डेढ़ सौ लोग घायल हो गये थे. दरअसल, उपचुनाव का बहिष्कार करने के अलगाववादियों के आह्वान के बाद प्रदर्शनकारियों ने उपचुनाव के दौरान मतदान केंद्रों को निशाना बनाकर उत्पात मचाया था.