नयी दिल्ली : भारतीय नौसेना से सेवानिवृत्त अधिकारी कुलभूषण जाधव को कथित जासूसी के आरोपों में पाकिस्तानी अदालत की ओर से मौत की सजा सुनाए जाने को लेकर आज संसद से लेकर सड़क तक विरोध आरंभ हो चुका है. इस मुद्दे को लेकर आज लोकसभा में विपक्ष ने स्थगन प्रस्थाव का नोटिस लाया. इस मुद्दे पर बहस भी हुई.
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कुलभूषण मामले में सदन को बताया कि सरकार इस मुद्दे पर पूरी गंभीरता के साथ कदम उठाया है. उन्होंने राज्यसभा में बताया कि भारतीय राजनयिकों को कुलभूषण जाधव से मिलने नहीं दिया गया. कुलभूषण के खिलाफ जासूसी करने का कोई सबूत पाकिस्तान के पास नहीं है. स्वराज ने बताया कि कुलभूषण को पाकिस्तान की ओर से सजा दिया जाना सोची समझी साजिश है. उन्होंने बताया जबसे यह सजा सुनाई गई है तबसे मैं खुद कुलभूषण जाधव के परिवार के संपर्क में हूं.
सुषमा ने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा, मैं पाकिस्तान सरकार को चेतावनी देती हूं कि अगर वे कुलभूषण को फांसी देते हैं तो भारत सरकार के साथ रिश्ते बिगड़ेंगे, वे इसके नतीजे भुगतने को तैयार रहें. हिंदुस्तान के इस बेटे को बचाने के लिए अच्छा वकील खड़ा करना तो बहुत छोटी बात है, हम राष्ट्रपति तक भी बात करेंगे. उन्हें बचाने के लिए भारत सरकार आउट ऑफ द वे जाकर भी मदद करेगी.
#WATCH LIVE: EAM Sushma Swaraj speaking in Rajya Sabha on death sentence to Kulbhushan Jadhav https://t.co/BkC6ws2kws
— ANI (@ANI) April 11, 2017
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा, कुलभूषण जाधव जी को जिस तरह से सोची समझी स्किम के तहत फंसाया गया है भारत को निचा दिखाने के लिए और पूरी दुनिया में हमारी छवि को खराब करने के लिए तो काम पाकिस्तान खुद भारत के खिलाफ किया करता है वही इल्जाम हमारे उपर लगा रहा है. गुलाम नबी ने कहा, इस मसले पर हमारी सरकार क्या कर रही है. इस सवाल के जवाब में सुषमा स्वराज ने कहा, कुलभूषण मामले पर सरकार पूरी गंभीरता के साथ अपना काम कर रही है. कुलभूषण केवल अपने माता-पिता के पुत्र नहीं हैं बल्कि वो पूरे हिंदुस्तान के बेटे हैं.
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खगड़े ने कुलभूषण का मामला उठाया. उन्होंने कहा, अगर उन्हें फांसी होती है तो सोचा समझा मर्डर उसे हम कहेंगे. उन्होंने कहा, अगर कुलभूषण को नहीं बचाया जा सका तो ये सरकार की कमजोरी होगी. खगड़े ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उस समय यह मुद्दा उठाना चाहिए था जब वे अचानक पाक प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से मिलने के लिए उनके घर पहुंच गये थे. जाधव मामले में पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन नहीं किया है. उन्हें वकील तक मुहैया कराने का मौका नहीं दिया गया.
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जाधव मामले पर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, सरकार को इस मुद्दे पर गंभीरता के साथ सोचनी चाहिए और जाधव को बचाने की कोशिश करनी चाहिए. उन्होंने कहा, पाकिस्तान ने धोखा देकर जाधव को पकड़ा है. सरकार उन्हें जल्द से जल्द छुड़ाने का उपाय करना चाहिए.
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* क्या कहना है पाकिस्तान का
पाकिस्तान ने आरोप लगाया था कि जाधव रॉ में तैनात भारतीय नौसेना का ‘‘सेवारत अधिकारी है’. जाधव की गिरफ्तारी के बाद पाकिस्तान की सेना ने उनके ‘‘कबूलनामे’ का वीडियो जारी किया था.