नयी दिल्ली : भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान द्वारा फांसी की सजा सुनाए पर सरकार ने आज पाकिस्तान को चेताया कि अगर इस सजा पर अमल किया गया तो द्विपक्षीय संबंधों पर इसका प्रभाव पड़ेगा और वह जाधव को बचाने के लिए ‘‘परिपाटी से हटकर” कदम उठायेगी.
इधर इस मामले पर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ का भी बयान पहली बार सामने आया है. उन्होंने कहा, पाकिस्तान अपने पड़ोसी देशों के साथ दोस्ताना संबंध चाहता है. हम शांतिपूर्ण देश हैं, लेकिन अगर किसी भी प्रकार का कोई खतरा नजर आयेगा तो हमारी सेना हर खतरे से लड़ने के लिए हमेशा तैयार है.
इधर आज संसद के दोनों सदनों में दिये गए अपने बयान में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा, ‘‘ सरकार और भारत के लोग इस घटना को काफी गंभीरता से ले रहे हैं जिसमें बिना किसी प्रक्रिया का पालन किये हुए पाकिस्तान में एक निर्दोष भारतीय नागरिक को मौत की सजा का सामना करना पड़ रहा है.” विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘ हमारे पास इस सजा को सुनियोजित हत्या का कृत्य मानने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है. ”
सुषमा ने कहा कि अगर इस मौत की सजा पर अमल होता है, तब द्विपक्षीय संबंधों पर इसके प्रभाव पड़ेंगे. उन्होंने कहा कि सरकार न केवल ये सुनिश्चित करेगी कि पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट में सर्वश्रेष्ठ वकीलों की सेवाएं जाधव के लिए सुनिश्चित की जाएं बल्कि इस विषय को पाकिस्तान के राष्ट्रपति के समक्ष भी उठाया जायेगा. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का वकील खड़ा करना तो बहुत छोटी बात है, हम लोग राष्ट्रपति तक से जो बात करनी है, करेंगे और किसी न किसी तरह से जाधव को बचाने का प्रयास करेंगे.
सुषमा ने कहा, ‘‘इस पूरे मामले में उन्हें बचाने के लिए जो भी करना पड़ेगा, परिपाटी से हट करके (आउट आफ द वे) हमलोग करेंगे और आपको यह बता दूं कि जिस दिन ये घटना घटी है, उस दिन से लगातार मैं जाधव के परिजनों के सम्पर्क में हूं.” विदेश मंत्री ने कहा कि भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को मनगढंत आरोपों के आधार पर पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने मौत की सजा सुनाई है. जाधव ईरान में कारोबार करते थे और उन्हें वहां से अपहरण करके पाकिस्तान ले जाया गया.
उन्होंने कहा कि वास्तविक परिस्थितियां स्पष्ट नहीं हैं और तथ्यों का पता तब ही चल पाता जब हम उन्हें कौन्सुलर पहुंच मुहैया करा पाते. सुषमा ने कहा कि इस मामले में हमारा रुख पूरी तरह से स्पष्ट है और जाधव द्वारा कोई गलत कार्य करने का कोई सबूत नहीं है. वह एक ऐसी साजिश के शिकार हुए हैं जिसमें पाकिस्तान की ओर से ऐसे कार्यों के लिए भारत पर आक्षेप लगाकर अंतरराष्ट्रीय ध्यान खींचने का प्रयास किया जा रहा है और जिस तरह से आतंकवाद को प्रायोजित करने के लिए वह (पाकिस्तान) स्वयं जाना जाता रहा है.
* क्या कहना है पाकिस्तानी मीडिया का
भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान में ‘‘जासूसी” के लिये मौत का फरमान सुनाये जाने की घटना को पाकिस्तानी मीडिया ने आज ‘‘अभूतपूर्व” बताया है और विशेषज्ञ उसके कूटनीतिक दुष्परिणामों पर ध्यान दिला रहे हैं.
पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने जाधव को ‘‘जासूसी एवं विध्वंसकारी गतिविधियों” के लिए दोषी ठहराते हुए उन्हें मौत की सजा सुनायी. सेना की मीडिया शाखा ने कल एक बयान में कहा कि यह सजा ‘फील्ड जनरल कोर्ट मार्शल’ ने सुनायी और सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने इसकी पुष्टि की.
दक्षिणपंथी अंग्रेजी भाषी अखबार ‘द नेशन’ ने अपने पहले पन्ने पर ‘डेथ टू स्पाई स्पाइक्स टेंशन’ (जासूस की सजाए मौत बढ़ा रही है तनाव) शीर्षक से अपनी प्रमुख खबर में टिप्पणी की कि ‘‘सोमवार को एक सैन्य अदालत ने दोनों परमाणु सम्पन्न देशों के बीच लंबे समय से जारी तनाव और बढ़ाते हुए हाई प्रोफाइल भारतीय जासूस को सजाए मौत सुनायी.”
अखबार ने राजनीतिक एवं रक्षा विशेषज्ञ डॉ. हसन अस्करी के हवाले से लिखा कि जाधव को फांसी देने का फैसला ‘‘दोनों देशों के बीच तनाव में और इजाफा करेगा.” अस्करी ने कहा, ‘‘सेना ने सख्त सजा दी है जो पाकिस्तानी कानून के मुताबिक है.” उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन हमें यह देखना होगा कि पाकिस्तान इसके राजनीतिक एवं कूटनीतिक दुष्प्रभावों को झेल सकता है या नहीं.”