चुनाव आयोग की खुली चुनौती- दस दिन में इवीएम हैक कर दिखाइए
नयी दिल्ली : चुनाव आयोग ने बुधवार को राजनीतिक दलों और विशेषज्ञों को ‘खुली चुनौती’ देते हुए कहा कि आइए एवं इवीएम हैक कीजिए तथा दिखाइए कि इन मशीनों से छेड़छाड़ की जा सकती है. वैसे आयोग अब तक सटीक तारीख तय नहीं कर पाया है, लेकिन उसने कहा है कि यह चुनौती मई के […]
नयी दिल्ली : चुनाव आयोग ने बुधवार को राजनीतिक दलों और विशेषज्ञों को ‘खुली चुनौती’ देते हुए कहा कि आइए एवं इवीएम हैक कीजिए तथा दिखाइए कि इन मशीनों से छेड़छाड़ की जा सकती है. वैसे आयोग अब तक सटीक तारीख तय नहीं कर पाया है, लेकिन उसने कहा है कि यह चुनौती मई के पहले हफ्ते में होगी तथा दस दिनों तक चलेगी. सूत्र ने कहा कि मई के पहले हफ्ते से विशेषज्ञ, वैज्ञानिक, प्रौद्योगिकीविद एक हफ्ते या दस दिनों के लिए आ सकते हैं और मशीनें हैक करने की कोशिश कर सकते हैं. यह चुनौती हफ्ते या दस दिनों के लिए होगी.
जब दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप नेता अरविंद केजरीवाल इवीएम संबंधी शिकायत के साथ मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी से मिले थे, तब उनसे कहा गया था कि आयोग ऐसी चुनौती पेश करने की योजना बना रहा है. इस बार इस कार्यक्रम का स्थल आयोग मुख्यालय निर्वाचन सदन होगा. इवीएम पर आयोग की तकनीकी विशेषज्ञ समिति चुनौती संबंधी बिंदु तय करेगी तथा उसका ब्योरा अगले कुछ दिनों में सार्वजनिक कर दिया जायेगा. इस बात की प्रबल संभावना है कि उत्तर प्रदेश चुनाव में इस्तेमाल में लायी गयी मशीनें चुनौती के लिए लायी जाएं. बसपा ने आरोप लगाया था कि छेड़छाड़ से गुजरी मशीनों ने भाजपा को चुनाव जिताने में मदद पहुंचायी. नियमों के अनुसार, इन मशीनों को 40 दिनों तक स्ट्रांग रूम से निकाला नहीं जा सकता है और इस अवधि के अंदर पीड़ित व्यक्ति संबंधित उच्च न्यायालय में चुनावी याचिका दायर कर सकता है.
यह अवधि इस महीने बाद में खत्म हो जायेगी. बता दें कि वर्ष 2009 में ऐसा ही कार्यक्रम हुआ था, जब देश के विभिन्न हिस्सों से 100 इवीएम मशीनें विज्ञान भवन में रखी गयी थीं. आयोग ने दावा किया था कि कोई भी इवीएम हैक नहीं कर पाया.