संबंध बिगाड़ेगा सूर्य, 14 अप्रैल को होगा गृह परिवर्तन
सदगुरु स्वामी आनन्द जी सूर्य ने अपना घर बदल लिया है. 14 अप्रैल को संबंधों पर इसका नकारात्मक असर दिखेगा. 13 अप्रैल, 2017 देर रात 1 बजकर 47 मिनट पर जब पृथ्वी से 107 गुना बड़े सूर्य देव सात छंदों यानि अपने सप्त-अश्व गायत्री, वृहति, उष्णिक, जगती, त्रिष्टुप, अनुष्टुप और पंक्ति से संचालित अपने नौ […]
सदगुरु स्वामी आनन्द जी
सूर्य ने अपना घर बदल लिया है. 14 अप्रैल को संबंधों पर इसका नकारात्मक असर दिखेगा. 13 अप्रैल, 2017 देर रात 1 बजकर 47 मिनट पर जब पृथ्वी से 107 गुना बड़े सूर्य देव सात छंदों यानि अपने सप्त-अश्व गायत्री, वृहति, उष्णिक, जगती, त्रिष्टुप, अनुष्टुप और पंक्ति से संचालित अपने नौ हजार योजन विराट रथ पर सवार होकर जब मीन राशि से निकल कर मित्र मंगल की प्रथम राशि मेष में प्रविष्ट होंगे, उनकी अगवानी उनके परम मित्र बुध कर रहे होंगे. यह संक्रान्ति (संक्रान्ति यानि सूर्य का गृह परिवर्तन) आकाश मण्डल में शुभाशुभ नवीन समीकरणों को जन्म देगी.
आकाश मंडल में सूर्य का कट्टर शत्रु राहू पहले से ही सूर्य की राशि सिंह में विद्यमान होकर सूर्य को बेचैन किए हुए है, वहीं सूर्य का धुरविरोधी शनि भी अपनी उलटी चाल से कुपित होकर मंगल के घर की ओर दौड़ लगा कर नज़ूमियों की पेशानी पर बल डाल रहा है. देवगुरु वृहस्पति भी वैचारिक शत्रु बुध के घर में असहज नज़र आ रहे हैं, वहीं दैत्यगुरु शुकदेव भी देवगुरु के घर कोई चैन से नहीं पसरे हैं. मंगल शुक्र की राशि वृष में और केतु शनि की राशि कुंभ में गतिशील होकर ख़ामोशी से परिस्थितियों का मूल्यांकन कर रहे हैं.
तुला राशि पर सूर्य की सीधी सप्तम दृष्टि जहां शुक्र को तपाएगी, वहीं, समृद्धि, ऐश्वर्य, सम्बन्धों, व्यापार और अवैध कारोबार पर भी अपना तप्त प्रभाव छोड़ेगी. यह स्थिति लग्जरी के कारोबार पर नकारात्मक असर डालेगी. फलतः आगामी मास में शक्कर, वस्त्र, हीरा, रत्न, जूलरी, फ़ैशन, एंटीक, इंटरियर, फ़र्निशिंग और आनन्द की वस्तुओं का कारोबार क्षणिक रूप से ही सही, प्रभावित होगा. प्रेम सम्बन्धों में बेचैनी जारी रहेगी. इस महीने सर्वाधिक ग़लतफ़हमियां फैलने और समझदारी न दिखाने पर ब्रेकअप के योग हैं.
शनिदेव 26 जनवरी से विवेक के स्वामी वृहस्पति की राशि धनु में चक्रमण करके जगत को विवेकहीन बना रहे हैं, वहीं वक्री चाल उनकी क्रूरता में इज़ाफ़ा करेगी. शनि की उलटी चाल परस्पर तनाव का सूत्रपात कर रही है। 21 जून को जब वो अपनी घोड़े जैसी टेढ़ी चाल से वृश्चिक में आयेंगे, विचित्र प्रकार के तनाव का बीजारोपण करेंगे. प्राकृतिक आपदाएं सर उठायेंगीं. पहले अकाल और उसके बाद बाढ़ जहां क़हर बरपाएंगे, वहीं भूकम्प, सूनामी और आगज़नी भी हाज़िरी लगायेंगे. राष्ट्रों के परस्पर संबंध विस्फोटक हो जायेंगे. ख़ून ख़राबे से मन ख़राब करेंगे. आंदोलन और राजनैतिक स्तरहीनता की नयी तस्वीर दृष्टिगोचर होगी.
संपत्ति की अचानक से भरभरा कर गिरती क़ीमतों से जहां गृह विहीन लोगों को कलेजा ठंडा हो जाएगा, वहीं यह स्थिति निवेशकों और बिल्डरों के होश फ़ाख्ता कर देगी. बिल्डर क़ानूनी पंजे में छटपटायेंगे, तो कई जेलों की चौखट के नज़दीक नज़र आयेंगे. शनि की सीधी दृष्टि मिथुन पर कारोबार के लिए बहुत बेहतर प्रतीत नहीं हो रही है. वृहस्पति की अपनी राशि मीन पर सप्तम दृष्टि शिक्षा और शैक्षिक सुधारों को बल देगी.
मंगल की अपने घर पर सीधी दृष्टि सीमा पर तनाव के साथ सैन्य आत्मविश्वास को जन्म देगी. नवम्बर तक भारत और पड़ोसियों के परस्पर संबंधों में पलीता लगा रहेगा. बाज़ार की बेचैनी के बावजूद शेयर बाज़ार नयी ऊंचाई की ओर अग्रसर रहेगा. पर नवंबर तक का का काल शेयर बाज़ार के लिए सांप-सीढ़ी की तरह हिचकोले भरा होगा. यह बाज़ार में सतर्क रहने का काल है. ट्रेडिंग में धोखा होने की संभावना है. इसी चढ़ाव, उतार और फिर चढ़ाव के दरमियान कई शेयर चुपके से आसमान छू लेंगे.