उपचुनाव में जीत के बाद फारुख अब्दुल्ला ने की जम्मू कश्मीर में राष्ट्रपति शासन की मांग
श्रीनगर : श्रीनगर लोकसभा उपचुनाव में जीत हासिल करने के बाद नेशनल कॉन्फ्रेंस अध्यक्ष फारुक अब्दुल्ला ने आज मांग की कि जम्मू कश्मीर में राज्यपाल शासन लगाया जाए क्योंकि राज्य सरकार शांतिपूर्ण चुनाव कराने में विफल रही है. चुनाव में जीत के बाद संवाददाताओं से बातचीत में अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘मैं राज्यपाल और भारत के […]
श्रीनगर : श्रीनगर लोकसभा उपचुनाव में जीत हासिल करने के बाद नेशनल कॉन्फ्रेंस अध्यक्ष फारुक अब्दुल्ला ने आज मांग की कि जम्मू कश्मीर में राज्यपाल शासन लगाया जाए क्योंकि राज्य सरकार शांतिपूर्ण चुनाव कराने में विफल रही है. चुनाव में जीत के बाद संवाददाताओं से बातचीत में अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘मैं राज्यपाल और भारत के राष्ट्रपति से अपील करता हूं कि सरकार को बर्खास्त कर दें और राज्य में राज्यपाल शासन लगाएं, जहां लोगों को कुछ राहत मिलेगी और महसूस करेंगे कि फिर से उस तरह की स्थिति पैदा नहीं होगी.
अब्दुल्ला की जीत को सत्तारुढ पीडीपी के लिए झटका के तौर पर देखा जा रहा है. उन्होंने मांग की कि अनंतनाग संसदीय सीट के लिए उपचुनाव राज्यपाल शासन के तहत कराए जाने चाहिए. अनंतनाग संसदीय सीट के लिए उपचुनाव 25 मई तक के लिए टाल दिया गया है. उन्होंने कहा कि मैं यह भी कहूंगा कि अनंतनाग में चुनाव राज्यपाल शासन के तहत कराए जाने चाहिए। अन्यथा इस बात की संभावना नहीं है कि लोगों को न्याय मिलेगा.
नेशनल कॉन्फ्रेंस अध्यक्ष ने दावा किया कि चुनाव के दिन हिंसा में मारे गए आठ युवक शहीद हुए हैं. उन्होंने कहा कि कई अन्य अस्पतालों या जेलों में हैं और उन्होंने इस तरह का चुनाव कभी नहीं देखा है. उन्होंने लोगों के प्रति आभार जताया, जिन्होंने इस तरह की कठिन स्थिति में मतदान करने के लिए अपनी जान को जोखिम में डाला.
श्रीनगर लोकसभा सीट के लिए सिर्फ 7.13 फीसदी मतदान हुआ. यह इतिहास में सबसे कम मतदान है. चुनाव के दौरान हिंसा में आठ लोग मारे गए थे. नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता ने इन अफवाहों को खारिज कर दिया कि वह आज की जीत के बाद लोकसभा से इस्तीफा दे देंगे और कहा कि पार्टी आला कमान जो भी फैसला करेगा, वह उसका पालन करेंगे. सेना के वाहन के आगे एक युवक को बांधकर घुमाए जाने के वीडियो पर अब्दुल्ला ने कहा कि यह बेहद शर्मनाक है और लोकतंत्र के खिलाफ बेहद बुरा कृत्य है.
अब्दुल्ला ने कहा कि वह उनसे इस तरह की चीजें नहीं करने का अनुरोध करते हैं, जो इसे और भडकाएगा और इसे अनियंत्रित बना देगा. उन्होंने भारत-पाक वार्ता बहाली की वकालत की और अलगाववादी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस समेत सभी हितधारकों के साथ बातचीत की बात भी कही.