ट्रिपल तलाक पर सीधा प्रहार: क्या पीएम मोदी ने सेट कर दिया 2019 का एजेंडा ?
नयी दिल्ली : एक के बाद एक भाजपा चुनावी समर को पार कर रही है और अब वो अपने सबसे बड़े लक्ष्य 2019 लोकसभा चुनाव पर ध्यान केंद्रित किये हुए है. सबसे बड़े प्रदेश उत्तर प्रदेश में बड़ी जीत हासिल करने के बाद अब भाजपा की नजर सीधे 2019 में होने वाले आम चुनावों पर […]
नयी दिल्ली : एक के बाद एक भाजपा चुनावी समर को पार कर रही है और अब वो अपने सबसे बड़े लक्ष्य 2019 लोकसभा चुनाव पर ध्यान केंद्रित किये हुए है. सबसे बड़े प्रदेश उत्तर प्रदेश में बड़ी जीत हासिल करने के बाद अब भाजपा की नजर सीधे 2019 में होने वाले आम चुनावों पर है , हालांकि उससे पहले कई राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं.
केंद्र की सत्ता में वापसी के लिए भाजपा ने विकास के एजेंडे पर जोर देने के अलावा मुस्लिमों को लुभाने की रणनीति पर जोर देना शुरू कर दिया है जिसमें सबसे बड़ा मुद्दा तीन तलाक है. इस मामले को लेकर भाजपा के साथ-साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी खुलकर सामने आ चुके हैं.
दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी के आखिरी दिन भाजपा के राजनीतिक प्रस्ताव से यह साफ संकेत नजर आ रहा है कि वह अपने साथ दूसरे नये सामाजिक समूहों को जोड़ने पर ध्यान केंद्रित करने की तैयारी में जुट गयी है. यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मुस्लिम समुदाय को आकर्षित करने का प्रयास किया. इसमें मुस्लिम महिलाएं और गरीब शामिल रहे.
भाजपा का इस समय सबसे ज्यादा जोर मुस्लिम महिलाओं पर है. तीन तलाक को एक खराब सामाजिक प्रथा करार देते हुए मोदी ने रविवार को कहा कि इस तरह की चीजें सामाजिक जागरूकता के माध्यम से खत्म की जा सकती है. उन्होंने कहा कि तीन तलाक से मुस्लिम बहनों को काफी मुश्किलें होतीं हैं और केंद्र सरकार इसका जल्द हल करना चाहती है.
मुसलिमों और आदिवासियों के आरक्षण का कोटा बढ़ा
पीएम मोदी ने कहा कि हमें समाज में संघर्ष की इजाजत नहीं देनी चाहिए. हम इस मुद्दे पर मुस्लिम समाज में कोई संघर्ष नहीं चाहते है. हमें इन बुरी प्रथाओं को सामाजिक जागरूकता के माध्यम से खत्म करने की जरूरत है.