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घाटी में पत्थरबाजों पर काबू करने के लिए सेना ने बनायी योजना, जानिये क्या है प्लान…

नयी दिल्ली : जम्मू-कश्मीर में उत्पातियों, बेवजह हर मसलों पर प्रदर्शन करने वाले और पत्थरबाजों पर नकेल कसने के लिए सरकार के साथ मिलकर सेना ने योजना बनायी है कि वह घाटी के पत्थरबाजों पर काबू करने के लिए अब प्लास्टिक बुलेट (गोली) का इस्तेमाल करेगी. केंद्र सरकार की ओर से 1000 प्लास्टिक बुलेट कश्मीर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 18, 2017 8:45 AM

नयी दिल्ली : जम्मू-कश्मीर में उत्पातियों, बेवजह हर मसलों पर प्रदर्शन करने वाले और पत्थरबाजों पर नकेल कसने के लिए सरकार के साथ मिलकर सेना ने योजना बनायी है कि वह घाटी के पत्थरबाजों पर काबू करने के लिए अब प्लास्टिक बुलेट (गोली) का इस्तेमाल करेगी. केंद्र सरकार की ओर से 1000 प्लास्टिक बुलेट कश्मीर घाटी में भेजा जा चुका है और सुरक्षाबलों को आदेश भी दिया गया है कि वह भीड़ को काबू में करने के लिए पैलेट गन का इस्तेमाल नहीं करेगी.

दरअसल, पहली बार जम्मू-कश्मीर में पत्थरबाजों और उपद्रवियों को काबू में करने के लिए सुरक्षाबल प्लास्टिक बुलेट का इस्तेमाल करेंगे. यही नहीं, गृह मंत्रालय की ओर से सुरक्षाबलों को आदेश दिया गया है कि वह पैलेट गन का इस्तेमाल आखिरी विकल्प के तौर पर करें. इसका मतलब यह कि जब सुरक्षाबलों को लगे कि अब हालात बहुत ज्यादा बिगड़ गये हैं, तभी पैलेट गन का प्रयोग करें.

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गौरतलब है कि पिछले हफ्ते ही जम्मू-कश्मीर में पैलेट गन के इस्तेमाल पर रोक की मांग वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि वह उग्र प्रदर्शनकारियों से निपटने के लिए जल्द ही एक सीक्रेट वेपन का इस्तेमाल शुरू करने वाली है. इसे पैलेट गन के पहले इस्तेमाल में लाया जायेगा. अदालत में केंद्र सरकार की ओर से दी गयी जानकारी के मुताबिक, बदबूदार पानी, लेजर डेजलर और तेज आवाज करने वाली मशीनों का भी प्रदर्शनकारियों पर कोई असर नहीं होता है, तब आखिरी विकल्प के तौर पर पैलेट गन का इस्तेमाल किया जाता है.

केंद्र सरकार ने कोर्ट को बताया कि जम्मू-कश्मीर में होने वाले प्रदर्शन का दिल्ली के जंतर-मंतर पर होने वाले धरना-प्रदर्शन से तुलना नहीं किया जा सकता है. घाटी में प्रदर्शनकारी सुरक्षाबलों पर ग्रेनेड, पेट्रोल बम, मॉकटेल बम से हमला करते हैं, भीड़ में छुपकर पीछे से ग्रेनेड फेंकते हैं और सरकारी और निजी सम्पति को बेवजह नुकसान पहुंचाया जाता है.

अनंतनाग उपचुनाव स्थगति होने पर कश्मीर से हटाये जायेंगे 30,000 केंद्रीय बल

वहीं, दूसरी ओर यह भी बताया जा रहा है कि कश्मीर में उप चुनाव के लिए भेजे गये कम से कम 30,000 केंद्रीय अर्धसैनिक बल घाटी से अस्थायी तौर पर हटाये जा रहे हैं, क्योंकि अनंतनाग लोकसभा सीट पर उपचुनाव स्थगित हो गया है. अधिकारियों ने कहा कि केंद्र सरकार ने सीमित आवासीय सुविधा और साजो-सामान संबंधी दूसरी सुविधाओं को देखते हुए इन अर्धसैनिक बलों की 300 कंपनियों को हटाये जाने का आदेश दिया है.

एक कंपनी में करीब 100 जवान होते हैं. इन जवानों को कुछ सप्ताह पहले घाटी में भेजा गया था. श्रीनगर में उप चुनाव नौ अप्रैल को हुआ और अनंतनाग में 12 अप्रैल को चुनाव होना था, लेकिन अब इसे 25 मई के लिए स्थगित कर दिया गया है. अधिकारी ने कहा कि उपचुनाव की तारीख निकट आने के बाद इन कंपनियां को घाटी में फिर भेजा जा सकता है.

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