बंसल के भतीजे, नौ अन्य के खिलाफ शुरु होगी मुकदमे की सुनवाई
नयी दिल्ली: रेलवे रिश्वत प्रकरण में पद के लिए 10 करोड़ रुपये नकद दिये जाने के आरोप में गिरफ्तार पूर्व रेल मंत्री पवन कुमार के भतीजे विजय सिंगला और नौ अन्य अभियुक्तों के खिलाफ विशेष अदालत द्वारा षड्यंत्र एवं भ्रष्टाचार के अभियोग निर्धारित किये जाने के बाद अब उनके मुकदमे की सुनवाई शुरु होगी. मुकदमे […]
नयी दिल्ली: रेलवे रिश्वत प्रकरण में पद के लिए 10 करोड़ रुपये नकद दिये जाने के आरोप में गिरफ्तार पूर्व रेल मंत्री पवन कुमार के भतीजे विजय सिंगला और नौ अन्य अभियुक्तों के खिलाफ विशेष अदालत द्वारा षड्यंत्र एवं भ्रष्टाचार के अभियोग निर्धारित किये जाने के बाद अब उनके मुकदमे की सुनवाई शुरु होगी.
मुकदमे की सुनवाई का मार्ग प्रशस्त करते हुए विशेष सीबीआई न्यायाधीश स्वर्ण कांता शर्मा ने सभी 10 आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी (आपराधिक षड्यंत्र) और भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धाराओं के तहत अभियोग निर्धारित किये.अदालत ने इस मामले में गवाहों के बयान दर्ज करने के लिये सुनवाई 25 अगस्त के लिए स्थगित कर दी.
अदालत ने अभियोग निर्धारण की कार्यवाही पूरी होने के बाद अभियुक्तों ने कहा, ‘‘हम अपने को दोषी नहीं मानते और सुनवाई का सामना करना चाहते हैं.’’ यह मामला प्रकाश में आने के बाद कांग्रेस नेता पवन कुमार बंसल को रेल मंत्री के पद से पिछले साल मई में इस्तीफा देना पड़ा था.बंसल को सीबीआई ने अभियोजन पक्ष का गवाह बनाया है.
अदालत ने कहा, ‘‘आपने (सिंगला) जनवरी 2013 से 3 मई 2013 के दौरान अपने सह आरोपियों महेश कुमार, एन आर मंजूनाथ, राहुल यादव, समीर संधीर, सुशील डागा, सी वी वेणुगोपाल एवं एम वी मुरली कृष्णन से 8969000 रुपये रिश्वत के रुप में लिये. यह धन अपने या किसी अन्य व्यक्ति के लिए लिया.यह धन सह आरोपी महेश कुमार को रेलवे बोर्ड में सदस्य (इलेक्ट्रिकल) नियुक्त कराने के मकसद या पुरस्कार के रुप में लिया कि आप किसी लोकसेवक पर अपने निजी प्रभाव का इस्तेमाल करेंगे और इस तरह आपने भ्रष्टाचार निरोधक कानून 1988 की धारा 9 के तहत अपराध किया है.’’
इस मामले की अगली सुनवाई अब 25 अगस्त को तय की गयी है. उस दिन अभियोजन पक्ष के गवाहों के बयान दर्ज किये जायेंगे जिनमें रेलवे बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष विनय मित्तल तथा रेल मंत्रालय के अन्य अधिकारी शामिल हैं. अदालत ने सात मार्च को रेलवे बोर्ड के तत्कालीन सदस्य (स्टाफ) महेश कुमार सहित सभी आरोपियों के खिलाफ अभियोग निर्धारित करने का निर्देश दिया था.
सीबीआई ने पिछले साल दो मई को दस आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था. इनमें कुमार, सिंगला, बेंगलूर की कंपनी जी जी ट्रानिक्स इंडिया प्रा. लि. के प्रबंध निदेशक एन आर मंजूनाथ, बिचौलिये अजय गर्ग एवं संदीप गोयल, राहुल यादव, समीर संधीर, सुशील डागा, सी वी वेणुगोपाल एवं एम वी मुरलीकृष्णन शामिल हैं.
अदालत ने अपने आदेश में कहा था कि भारत में भ्रष्टाचार अकल्पनीय स्तर तक पहुंच चुका है तथा मामले ने मकसद को हासिल करने के लिए रिश्वत के भुगतान के एक अनूठे तरीके का खुलासा किया है. अदालत ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा, ‘‘जैसा कि मैं अपने पूर्व आदेश में इंगित कर चुकी हूं सिफारिश की संस्कृति तथा ताकतवर लोगों से सही संपर्क आज जल्दी धन कमाने की एकमात्र चीज है.’’ अदालत ने सात मार्च को पाया था कि आरोपियों के खिलाफ मामले में सुनवाई को आगे बढ़ाने के लिए प्रथम दृष्टया पर्याप्त सबूत हैं.