नयी दिल्ली : भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को बचाने की कोशिशें भारत सरकार ने तेज कर दी है. भारतीय उच्चायुक्त पाकिस्तान विदेश सचिव के सामने अपनी चार मांगें रखेगा. कुलभूषण जाधव पर भारत सरकार की स्पष्ट रणनीति है. भारत ने माना है कि पाक में गिरफ्तार व्यक्ति भारत का पूर्व नौ सैनिक है. अब भारत ने अपनी कोशिशें तेज कर दी है. कई राज्यों में कुलभूषण की रिहाई की मांग को लेकर प्रदर्शन हो रहे हैं. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भी संसद में बयान दिया कि कुलभूषण भारत का बेटा है और सरकार उसे बचाने और सकुशल वापस लाने की पूरी कोशिश करेगी.
दूसरी तरफ कुलभूषण जाधव के मामले में दायर याचिका पर हाई कोर्ट ने कहा, यह संवेदनशील मामला है इसे ओपन कोर्ट में सुना नहीं जा सकता. केंद्र सरकार अपने अनुभव और योग्यता के आधार पर कदम उठाये. कोर्ट ने याचिकाकर्ता पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यह मीडिया का ध्यान खींचने के लिए किया गया है और कोर्ट इसका समर्थन नहीं करता. इस मामले में सरकार ही नहीं पूरा देश एकमत है.
भारत ने पाकिस्तान की नीतियों पर भी सवाल खड़े किये हैं. पाकिस्तान कुलभूषण को जासूस बता रहा है जबकि भारत इसे नकार रहा है. भारत ने संकेत दिये हैं कि इस मामले को लेकर वह अंतरराष्ट्रीय कानून का सहारा ले सकता है. भारत ने रविवार को कहा उसने कुलभूषण जाधव के खिलाफ दायर किये गये आरोप पत्र की प्रमाणित प्रति और मौत की सजा के सैन्य अदालत के आदेश की प्रति मांगी थी, लेकिन उसे पाकिस्तान की ओर से कोई जवाब नहीं मिला है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने कहा कि इसलामाबाद में भारतीय उच्चायुक्त गौतम बंबावले और पाकिस्तानी विदेश सचिव की मुलाकात के दौरान भारत ने शुक्रवार को ये दो दस्तावेज मांगे थे. भारत ने स्पष्ट कहा है कि जाधव को सुनायी गयी मौत की सजा के खिलाफ अपील करेगा.
भारत ने जाधव तक राजनयिक पहुंच की भी मांग की है. अबतक जाधव से किसी भी भारतीय अधिकारी को नहीं मिलने दिया गया. पाकिस्तान इसके पीछे तर्क दे रहा है कि ऐसे बहुत सारे पाकिस्तानी कैदी भारत में बंद है जिससे पाकिस्तानी अधिकारियों को मिलने नहीं दिया जाता. भारत जाधव को पाकिस्तान द्वारा दी गयी मौत की सजा का भी विरोध कर रहा है. भारत ने साफ किया है कि उससे अपनी बात रखने का पूरा मौका नहीं दिया गया.