सामान चोरी मामले में यात्री को मुआवजा दे रेलवे : दिल्ली राज्य उपभोक्ता आयोग
नयी दिल्ली : दिल्ली राज्य उपभोक्ता आयोग ने एक यात्री का सामान चोरी होने पर रेलवे को सेवा में कमी का जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि उसे केवल यात्रियों की ही नहीं, बल्कि उनके सामान की भी सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए. राज्य उपभोक्ता विवाद निबटारा आयोग ने जिला फोरम के आदेश के खिलाफ रेलवे की […]
नयी दिल्ली : दिल्ली राज्य उपभोक्ता आयोग ने एक यात्री का सामान चोरी होने पर रेलवे को सेवा में कमी का जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि उसे केवल यात्रियों की ही नहीं, बल्कि उनके सामान की भी सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए. राज्य उपभोक्ता विवाद निबटारा आयोग ने जिला फोरम के आदेश के खिलाफ रेलवे की अपील खारिज करते हुए उसे सेवा में कमी के लिए 35 हजार रुपये का हर्जाना और हरियाणा की निवासी श्वेता चौधरी के मुकदमे के खर्च के रूप में 10 हजार रुपये देने को कहा.
आयोग की पीठासीन सदस्य सलमा नूर ने कहा कि रेलवे को यात्रियों की सुरक्षा के साथ उनके सामान की सुरक्षा भी सुनिश्चित करनी होगी और कोई खामी या अपर्याप्ता या गलती सेवा में कमी है और इसलिए यह रेलवे को उन्हें मानसिक चोट सहित नुकसान या चोट के लिए मुआवजा भरने का भागी बनाता है.
आयोग ने रेलवे के इस दावे को खारिज किया कि वह इसके लिए जिम्मेदार नहीं है, क्योंकि चोरी हुए सामान को बुक नहीं किया गया और ना ही उसके लिए भुगतान किया गया. आयोग ने कहा कि यात्री ऐसा करने के लिए बाध्य नहीं है. आयोग ने कहा, ‘‘ट्रेन से यात्रा कर रहे यात्री मुफ्त में कुछ सामान या बैग ले जाने के हकदार हैं. ऐसे बैग, सामान को रेलवे को बताने और रसीद लेने का कोई सवाल नहीं है.’
चौधरी द्वारा दायर शिकायत के अनुसार, उन्होंने नौ अक्तूबर, 2010 को नयी दिल्ली से भोपाल एक्सप्रेस से भोपाल के हबीबगंज जाने के लिए टू टियर एसी टिकट बुक करायी थी और यात्रा के दौरान उनका बैग चोरी हो गया. चोरी हुए बैग में एक लैपटाप और 45 हजार रुपये की कई मूल्यवान वस्तुएं थीं.