तीन तलाक पर दिल्ली हाइकोर्ट ने महिलाओं को नहीं दी राहत, याचिका खारिज

नयी दिल्ली : दिल्ली हाइकोर्ट नेमुसलिमसेशादीकरनेवालीहिंदूमहिलाओंकोतीनतलाकसेराहतदेनेसेइनकारकरदियाहै.कोर्टनेयह कहते हुए जनहित याचिका को खारिज कर दिया कि कानूनकेतहतसभीमहिलाएंसमानसंरक्षणपानेकीहकदारहैं. दिल्ली हाइकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर वकील विजय शुक्ला ने कोर्ट से मांग की थी कि मुसलिमों से शादी करनेवाली हिंदू महिलाओं को तीन तलाक से राहत दी जाये. साथहीकेंद्रसरकारकोयहनिर्देशदेनेकीभीमांगकीथीकि ऐसी व्यवस्था हो, जिससे मुसलिम पुरुषों से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 21, 2017 11:41 AM

नयी दिल्ली : दिल्ली हाइकोर्ट नेमुसलिमसेशादीकरनेवालीहिंदूमहिलाओंकोतीनतलाकसेराहतदेनेसेइनकारकरदियाहै.कोर्टनेयह कहते हुए जनहित याचिका को खारिज कर दिया कि कानूनकेतहतसभीमहिलाएंसमानसंरक्षणपानेकीहकदारहैं.

दिल्ली हाइकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर वकील विजय शुक्ला ने कोर्ट से मांग की थी कि मुसलिमों से शादी करनेवाली हिंदू महिलाओं को तीन तलाक से राहत दी जाये.

साथहीकेंद्रसरकारकोयहनिर्देशदेनेकीभीमांगकीथीकि ऐसी व्यवस्था हो, जिससे मुसलिम पुरुषों से शादी कर चुकी हिंदू महिलाओं पर तीन तलाक या बहुविवाह के नियम लागू नहीं हों. याचिका में तीन तलाक से प्रभावित हिंदू महिलाओं की दुर्दशा को देखते हुए इस पर विचार करने की मांग की गयी थी.

शुक्ला ने अपनी याचिका में विशेष विवाह अधिनियम के तहत अंतर-जातीय विवाह के लिए पंजीकरण को अनिवार्य बनाने के लिए केंद्र सरकार को निर्देश देने की मांग की थी.

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