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पठानकोट हमले की जांच पूरी नहीं होने पर संसदीय समिति ने जताई चिंता

नयी दिल्ली : संसद की एक समिति ने पिछले वर्ष पठानकोट में वायुसेना स्टेशन पर आतंकवादी हमले के मामले की जांच अभी तक पूरा नहीं होने पर चिंता जताते हुए सरकार से राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को निर्देश देकर जांच को यथाशीघ्र पूरा करने की सिफारिश की है. वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम की अध्यक्षता […]

नयी दिल्ली : संसद की एक समिति ने पिछले वर्ष पठानकोट में वायुसेना स्टेशन पर आतंकवादी हमले के मामले की जांच अभी तक पूरा नहीं होने पर चिंता जताते हुए सरकार से राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को निर्देश देकर जांच को यथाशीघ्र पूरा करने की सिफारिश की है. वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम की अध्यक्षता वाली गृह मंत्रालय से संबद्ध संसदीय स्थायी समिति ने अपनी एक रिपोर्ट में यह सिफारिश की है.

इस रिपोर्ट को हाल में संपन्न संसद के बजट सत्र के दौरान दोनों सदनों के पटल पर रखा गया था. समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा, ‘‘समिति इस तथ्य पर गौर करती है कि पठानकोट हमले को हुए एक वर्ष का समय बीत गया है तथापि एनआईए ने अपनी जांच पूरी नहीं की है. इसके अतिरिक्त ऐसा प्रतीत होता है कि खुफिया एजेंसियों द्वारा पठानकोट, उडी, पांपोर, बारामुला और नगरोटा पर हमलों के संबंध में कोई विश्वसनीय और कार्रवाई योग्य जानकारी उपलब्ध कराने के संबंध में कोई विश्लेषण नहीं किया गया है.”

इसने कहा, ‘‘समिति महसूस करती है कि इन हमलों ने हमारी खुफिया एजेंसियों की खामियों को उजागर कर दिया है.” रिपोर्ट में कहा गया कि समिति ने हाल में सशस्त्र बलों के शिविरों पर हमलों की बढती प्रवृत्ति तथा खुफिया ब्यूरो द्वारा इन हमलों के बारे में जानकारी हासिल न कर पाने के कारणों के बारे में जानना चाहा. इस पर गृह सचिव ने उत्तर दिया कि केवल गृह मंत्रालय ही खुफिया जानकारी एकत्र करने वाली एकमात्र एजेंसी नहीं है.
रक्षा मंत्रालय की भी अपनी आसूचना एजेंसी है और दोनों मिलकर खुफिया सूचना एकत्र करते हैं और साझा करने का प्रयास करते हैं. इसमें कहा गया कि समिति ने यह भी पूछा कि पठानकोट हमले के पश्चात खुफिया असफलता का विश्लेषण क्यों नहीं किया गया और अतीत की असफलताओं से सबक लेने में सरकार असफल क्यों रही क्योंकि 2016 के दौरान आतंकवादियों द्वारा लगातार हमले किए गए.

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