नक्सलवाद के पांच दशक: देश के 223 जिले प्रभावित, पहले भी हो चुके हैं कई बड़े हमले
नयी दिल्ली : 1967 में पश्चिम बंगाल के नक्सलबाड़ी से निकली चिंगारी देश के 22 राज्यों में फैल चुकी है. नक्सलवाद के 50 साल पूरे हो गये हैं. गृह मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, देश के 22 राज्यों के करीब 223 जिले किसी न किसी नक्सली गुट के प्रभाव में हैं. क्षेत्रफल के हिसाब से […]
नयी दिल्ली : 1967 में पश्चिम बंगाल के नक्सलबाड़ी से निकली चिंगारी देश के 22 राज्यों में फैल चुकी है. नक्सलवाद के 50 साल पूरे हो गये हैं. गृह मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, देश के 22 राज्यों के करीब 223 जिले किसी न किसी नक्सली गुट के प्रभाव में हैं.
क्षेत्रफल के हिसाब से देश का करीब 40 फीसदी इलाका नक्सलियों के प्रभाव में है. छत्तीसगढ़ के सुकमा के सत्तर फीसदी हिस्से पर नक्सलियों का कब्जा है. विकास का कोई काम यहां नक्सलियों की इजाजत के बगैर नहीं हो सकता. हालत यह है कि दिन के उजाले में भी सुरक्षाकर्मी इन इलाकों में निकलने की हिम्मत नहीं जुटा पाते.
सुकमा हमला : नक्सलियों ने रेकी करायी, रॉकेट लॉन्चर दागे, फिर की ताबड़तोड़ फायरिंग
पहले भी कई हमले
1. 11 मार्च, 2017 : भेज्जी थाना के कोट्टाचेरु गांव में नक्सलियों का सीआरपीएफ (219वीं बटालियन)के गश्ती दल पर हमला. 12 जवान शहीद.
2. 30 मार्च, 2016 : दंतेवाड़ा में माओवादियों का सीआरपीएफ जवानों पर हमला, सात जवान शहीद.
3. 11 अप्रैल 2015 : सुकमा के कंकेरलंका में एसटीएफ पर हमला. सात जवानों की मौत.
4. 13 अप्रैल 2015 : दंतेवाड़ा जिले के किरनदुल में छत्तीसगढ़ आर्म्ड फोर्स के पांच जवान शहीद.
5. 11 मार्च, 2014 : टोंगपाल में सीआरपीएफ की टीम पर हमला, 16 जवान शहीद.
6. 11 मई, 2014 : गढ़चिरौली में लैंडमाइन्स िवस्फोट के जरिए सात पुलिस कमाडों की हत्या.
7. 6 अप्रैल, 2010 : ताड़मेटला में सीआरपीएफ के 76 जवान शहीद.
8. 12 जुलाई, 2009 : राजनांदगांव में एसपी वीके चौबे सहित 29 जवान शहीद.