अचानक अरविंद केजरीवाल के घर पहुंचे कुमार विश्वास, विवादित वीडियो के बाद पहली बार कुमार-केजरीवाल दिखे साथ-साथ

नयी दिल्ली : दिल्ली नगर निगम चुनाव से दूर रहने वाले और हाल ही में सोशल मीडिया पर विवादित वीडियो डालने वाले आम आदमी पार्टी के जाने-माने चेहरा और कवि कुमार विश्वास ने सोमवार को अचानक मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर पहुंचकर सबको चौंका दिया. दरअसल, आम आदमी पार्टी के नेता और कवि कुमार विश्वास […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 25, 2017 8:44 AM

नयी दिल्ली : दिल्ली नगर निगम चुनाव से दूर रहने वाले और हाल ही में सोशल मीडिया पर विवादित वीडियो डालने वाले आम आदमी पार्टी के जाने-माने चेहरा और कवि कुमार विश्वास ने सोमवार को अचानक मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर पहुंचकर सबको चौंका दिया. दरअसल, आम आदमी पार्टी के नेता और कवि कुमार विश्वास मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित एक बैठक में शामिल होने आये थे. यह बैठक विधायकों और 300 से ज्यादा समर्थकों की हौसला अफजाई के लिए बुलायी गयी थी.

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नगर निगम चुनाव के लिए स्टार प्रचारक होने के बावजूद कुमार विश्वास दिल्ली में किसी उम्मीदवार के लिए प्रचार करते नजर नहीं आये थे. फिलहाल, ऐसा लगता है कि एग्जिट पोल की चिंता ने पार्टी के दो बड़े नेताओं और अन्ना आंदोलन से जुड़े पुराने दोस्तों को करीब ला दिया है. सोमवार को मुख्यमंत्री में हुई बैठक के दौरान कुमार, अरविंद केजरीवाल के ठीक बगल में बैठे हुए नज़र आये.

दरअसल, ये चौंकने वाली बात इसलिए भी है, क्योंकि जब दिल्ली नगर निगम चुनाव प्रचार तेजी पकड़ रहा था, तभी एक वीडियो जारी कर कुमार विश्वास ने भ्रष्टाचार को लेकर सीधे आम आदमी पार्टी के मुखिया पर निशाना साधा था. 13 मिनट के इस वीडियो में विश्वास ने केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा था कि अगर आप भ्रष्टाचार मुक्ति के नाम पे सरकार बनायेंगे और फिर आपके लोग ही भ्रष्टाचार करें और आप मौन होकर उन्हें बचायेंगे तो लोग सवाल पूछेंगे.

आपको बता दें कि कुमार विश्वास के इस बयान की वजह से पार्टी के बड़े नेताओं को किरकिरी का सामना भी करना पड़ा था. कुमार विश्वास ने दिल्ली नगर निगम चुनाव के परिणाम की तरफ इशारा करते हुए समर्थकों को कहा कि दिल्ली नगर निगम चुनाव का निर्णय कुछ भी आये, लेकिन हम झाडू उठाकर सड़क पर सफाई करते रहेंगे. अगर कोई कमी है, तो उसे दूर करना जरूरी है. चुनाव राजनीति का हिस्सा है, लेकिन चुनाव, राजनीति नहीं है. आप कविता पढ़कर कांग्रेस का मुकाबला नहीं कर सकते और न ही सांप्रदायिकता के मामले में भाजपा का मुकाबला कर सकते हैं.

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