जेएनयू एमफिल-पीएचडी में प्रवेश मामला : दिल्ली हाईकोर्ट ने यूजीसी के वर्तमान नियमों को बरकरार रखने के आदेश पर लगायी रोक

नयी दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के नियमों पर आधारित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की एमफिल और पीएचडी पाठ्यक्रमों में प्रवेश नीति को बहाल रखने के अपने एकल न्यायाधीश के आदेश पर रोक लगा दी है. यूजीसी का जुलाई 2016 का नियम सभी विश्वविद्यालयों में एमफिल और पीएचडी पाठ्यक्रमों में प्रति […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 25, 2017 1:52 PM

नयी दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के नियमों पर आधारित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की एमफिल और पीएचडी पाठ्यक्रमों में प्रवेश नीति को बहाल रखने के अपने एकल न्यायाधीश के आदेश पर रोक लगा दी है. यूजीसी का जुलाई 2016 का नियम सभी विश्वविद्यालयों में एमफिल और पीएचडी पाठ्यक्रमों में प्रति प्राध्यापक/निरीक्षक छात्रों की अधिकतम संख्या निश्चित करता है.

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हाईकोर्ट के एकल न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा था कि जेएनयू की प्रवेश नीति यूजीसी के नियम कायदों के दायरे में आती है और बिना किसी परिवर्तन के विश्वविद्यालय को उन्हें स्वीकार करना होगा. कुछ छात्रों की याचिका खारिज करते हुए अदालत इस निष्कर्ष पर पहुंची थी. इन छात्रों ने यूजीसी नियमों पर आधारित जेएनयू की प्रवेश प्रक्रिया को चुनौती दी थी.

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति गीता मित्तल और न्यायमूर्ति अनु मल्होत्रा की दो न्यायाधीशों की पीठ ने छात्रों की अपील पर एकल न्यायाधीश के फैसले के निष्कर्ष के प्रभाव और कार्यान्वयन पर 28 अप्रैल तक के लिए रोक लगा दी. पीठ ने अंतरिम आदेश इसके मद्देनजर पारित किया कि एकल न्यायाधीश के फैसले के निष्कर्ष का बड़े पैमाने पर असर हो सकता है और अपीलकर्ता छात्रों ने पहली नजर में अपना मामला बनाया था.

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