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नक्सली कमांडर ‘हिडमा’ ने रची थी हमले की साजिश

नयी दिल्ली : छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के जिस क्षेत्र में नक्सली हमला हुआ है, उस क्षेत्र में हमले के मास्टरमाइंड ‘हिडमा’कीतूती बोलती है. इस खूंखार नक्सली पर पुलिस ने 40 लाख रुपये का इनाम घोषितकररखा है. सितंबर, 2016 में पहली बार एके-47 के साथ उसकी तसवीर सामने आयी थी. बताया जाता है कि सुकमा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 25, 2017 3:29 PM

नयी दिल्ली : छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के जिस क्षेत्र में नक्सली हमला हुआ है, उस क्षेत्र में हमले के मास्टरमाइंड ‘हिडमा’कीतूती बोलती है. इस खूंखार नक्सली पर पुलिस ने 40 लाख रुपये का इनाम घोषितकररखा है.

सितंबर, 2016 में पहली बार एके-47 के साथ उसकी तसवीर सामने आयी थी. बताया जाता है कि सुकमा के पलोडी गांव का हिडमा साउथ जोनल कमेटी का सदस्य बननेवाला बस्तर का पहला माओवादी है. ताड़मेटला कांड के समय वह कंपनी का नंबर एक का कमांडर था. उसकी रणनीति से खुश होकर शीर्ष नेताओं ने कंपनी में नंबर एक और तीन का विलय कर बटालियन नंबर एक बना दिया और उसकी बागडोर हिडमा को सौंप दी.

मडवी हिडमा उर्फ हिडमन्ना की उम्र के बारे में सटीक जानकारी नहीं है. कुछ रिकॉर्ड उसकी उम्र महज 25 साल बताते हैं, तो कुछ में 30-32 साल बतायी जाती है. सरकारी रिकॉर्ड के मुताबिक, सुकमा में जंगरगुंडा इलाके के पलोडी गांव के रहनेवाले हिडमा को उस इलाके के लोग हिडमालु और संतोष के नाम से भी जानतेहैं.

बेहतरीन लड़ाका और रणनीतिकार
करीब एक दशक के दौरान उसने खौफ का ऐसा खेल खेला कि पूरे इलाके का मोस्ट वांटेड नक्सली बन गया. माओवादियों के बीच उसे बेहतरीन लड़ाका और रणनीतिकार माना जाता है. गुरिल्ला लड़ाई में उसे महारत हासिल है. यही वजह है कि उसे पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (पीएलजीए) की बटालियन-1 का कमांडर बनाया गया है. इस बटालियन के तहत सुकमा और बीजापुर में सक्रिय नक्सलियों की तीन यूनिट्स काम करती है. हिडमा माओवादियों की दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी (डीकेएसजेडसी) का भी सदस्य है.

बुर्कापाल और चिंतलनार गुफा में सक्रिय
सुरक्षा एजेंसियां जानती हैं कि हिडमा इन दिनों बुर्कापाल और चिंतलनार गुफा में सक्रिय है. लेकिन, उसके ठिकाने की सटीक जानकारी किसी को नहीं है. इसकी एक वजह इस इलाके का ओड़िशा और आंध्रप्रदेश की सीमा के नजदीक होना है. हमलों को अंजाम देने के बाद नक्सली आसानी से दूसरे राज्यों में जाकर छिप जाते हैं.

कई बड़ी वारदातों को दे चुका है अंजाम
बीते कुछ सालों में हिडमा ने कई बड़ी वारदातों को अंजाम दिया है.

  • 11 मार्च को सुकमा में जवानों पर जो हमला हुआ था, जिसमें 12 जवान शहीद हो गये थे, का मास्टरमाइंड भी हिडमा ही था.
  • दरभा के झीरम घाटी में 23 मई, 2013 को नक्सलियों के बड़े समूह ने कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा पर हमला कर कांग्रेस नेता विद्याचरण शुक्ल, नंदकुमार पटेल,महेंद्र कर्मा, उदय मुदलियार सहित 31 लोगों को मौत के घाट उतार दिया था. इसमें सुरक्षा बल के 15 जवानों के साथ पांच ग्रामीणोंकी भी मौत हो गयी थी.
  • सुकमा से कनाडा के एक सैलानी को अगवा करने के पीछे भी हिडमा का ही हाथ बताया जाता है.
  • दंतेवाड़ा के ताड़मेटला मेंछह अप्रैल, 2010 को सर्च ऑपरेशन के लिए निकले 120 जवानों पर एक हजार से अधिक नक्सलियों ने हमला कर 76 जवानोंकोमारडाला. मुठभेड़ में आठनक्सलियोंकी भी मौतहुईथी.

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