एमसीडी चुनाव के नतीजों ने बिछा दी 2018 की बिसात, अब विरोधियों को परास्त कर भाजपा करेगी मिशन-2019 की किलाबंदी
undefined नयी दिल्ली : दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) चुनाव के नतीजे करीब-करीब सामने आ गये हैं, जिसमें यह साफ हो गया है कि भाजपा ने एमसीडी में तीसरी बार अपना परचम लहराया है. इसके साथ ही, इस चुनाव के नतीजों से अगले साल वर्ष 2018 में दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनाव और मिलने वाले […]
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नयी दिल्ली : दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) चुनाव के नतीजे करीब-करीब सामने आ गये हैं, जिसमें यह साफ हो गया है कि भाजपा ने एमसीडी में तीसरी बार अपना परचम लहराया है. इसके साथ ही, इस चुनाव के नतीजों से अगले साल वर्ष 2018 में दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनाव और मिलने वाले परिणाम की तस्वीर भी साफ हो गयी है. एमसीडी चुनाव में विधानसभा में सत्ताधारी दल आम आदमी पार्टी और तीसरे नंबर की पार्टी कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया है.
राजनीतिक विश्लेषकों की मानें, तो इस एमसीडी चुनाव के नतीजों ने अगले साल दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनाव की बिसात अभी से ही बिछा दी है. इतना ही नहीं, इस चुनाव के नतीजों ने इस बात के भी संकेत दे दिये हैं कि अब भाजपा इसी चुनाव की बिसात पर 2018 के विधानसभा और 2019 के लोकसभा चुनाव की किलेबंदी भी करेगी.
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हालांकि, 2019 में होने वाले आम चुनाव में भाजपा को परास्त कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चक्रवर्ती रथ रोकने के लिए यूपीए के घटक दल कांग्रेस के साथ मिलकर महागठबंधन बनाने की तैयारी में अभी से ही जुट गये हैं, लेकिन इस स्थानीय निकाय के चुनाव ने उन्हें देश में भविष्य की राजनीति के संकेत भी दे दिये हैं. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि एमसीडी जैसे नगर निकाय के चुनाव नतीजे को महागबंधन बनाने वाले दलों की ओर से हल्के में लेना कतई उचित नहीं होगा. इसका कारण यह है कि देश की राजधानी दिल्ली में भारत के प्राय: सभी राज्यों के लोग निवास करते हैं और इन लोगों की ओर से किये फैसले देश की जनता के फैसले माने जाते हैं.
एमसीडी चुनाव की मतगणना सुबह आठ बजे शुरू हो गयी थी और शुरुआती रुझान में ही यह साफ हो गया था कि इस चुनाव में भाजपा अपने दोनों प्रतिद्वंद्वी आम आदमी पार्टी और कांग्रेस को पछाड़कर अपना परचम लहरायेगी. शुरुआती रुझान में बनी बढ़त दोपहर एक बजे तक बनी रही और दोपहर बाद तक यह साफ हो गया कि दिल्ली नगर निगम में भाजपा ने अपनी धमक बरकरार रखने में सफलता हासिल कर ली है.
दोपहर एक बजे के बाद आये चुनाव के नतीजों में दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की 104 सीटों में से 97 वार्डों के परिणाम आ गए थे, जिसमें भाजपा ने 64, कांग्रेस 12, आप 15, अन्य 6 दलों ने जीत हासिल की थी. इस निगम में भाजपा ने 97 सीटों पर परचम लहराकर सबसे बड़ी जीत हासिल की. इसके अलावा, दोपहर एक बजे तक उत्तरी दिल्ली नगर निगम की 104 सीटों में से 95 वार्डों के परिणाम में भाजपा 60, कांग्रेस 15, आप 19, अन्य 1 सीट पर जीत चुकी थी. इस निगम में भी भाजपा पहले नंबर की पार्टी के रूप में सामने आयी.
इन दोनों क्षेत्र के अतिरिक्त पूर्वी दिल्ली नगर निगम की कुल 64 सीटों में 63 के परिणाम में भाजपा ने दोपहर एक बजे तक 49 सीटों पर कब्जा जमा लिया था. इस क्षेत्र के 64 में से 63 वार्डों में भाजपा 49, कांग्रेस 3, आप 9, अन्य दलों को दो सीटें मिलीं. इस निगम में भाजपा ने सबसे बड़ी जीत हासिल की. दोपहर एक बजे तक दिल्ली की कुल 270 सीटों में से भाजपा ने 182, कांग्रेस ने 30, आप ने 47, अन्य दलों ने 11 जीत हासिल की थी. इन रुझानों के साथ यह साफ है कि भाजपा तीनों नगर निगम में कब्जा कर चुकी है.
यहां यह बता देना भी जरूरी है कि एमसीडी का 2012 में बंटवारा करके एनडीएमसी, एसडीएमसी और ईडीएमसी का गठन किया गया था. साल 2012 के चुनावों में मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच था. चुनावों में भाजपा को भारी बहुमत मिला था. यहां की कुल 272 सीटों में से भाजपा को 142 सीटें, कांग्रेस को 74, बसपा को 15 सीटें और अन्य दलों 41 सीटें मिली थीं.
एमसीडी के चुनाव में भाजपा को मिली जीत के बाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने एमसीडी चुनाव में मिली जीत का श्रेय प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी को देते हुए धन्यवाद दिया है. भोजपुरी सुपरस्टार से राजनेता बने मनोज तिवारी ने खुद भी इस जीत से खुद को जोड़ा है. ऐसे में दिल्ली ही नहीं देश की राजनीति में कल होकर यह सवाल भी उठ सकता है कि एमसीडी चुनाव में जीत का ताज पहनाने वाले नेता मनोज तिवारी को दिल्ली का राज भी दिया जाना चाहिए.