नयी दिल्ली : रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने आज कहा कि उन्होंने स्वेच्छा से रेल बजट को छोडा और वित्त मंत्रालय ने स्वयं इसे अपने कब्जे में नहीं लिया. रेलवे के लिये अलग से बजट पेश करने की एक सदी पुरानी परंपरा को समाप्त करते हुए सरकार ने चालू वित्त वर्ष से इसे आम बजट में मिला दिया.
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वित्त मंत्री अरुण जेटली ने एक फरवरी को आम बजट पेश किया था. के साथ बातचीत के दौरान प्रभु ने सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को अधिक दक्ष एवं लाभदायक बनाने के दृष्टिकोण के बारे में बातचीत की. उन्होंने कहा कि रेलवे के लिये कोष का केवल एक स्रोत था और वह बजट था. प्रभु ने कहा, अरुण जेटली हमेशा कहेंगे कि मेरी कई प्राथमिकताएं हैं और यह सही भी है.
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अगर मैं वित्त मंत्री होता, मैं भी यही कहता. रेल बजट को आम बजट में मिलाये जाने के बारे में पूछे गये सवाल के जवाब में मंत्री ने कहा, मैंने स्वेच्छा से उसे छोडा. उन्होंने कोई कब्जा नहीं किया. स्वेच्छा से उसे मिलाया गया. संसद में रेलवे के लिये अलग से बजट 1924 से पेश किया जा रहा था। हालांकि अलग से बजट पेश करने के लिये न तो कोई संवैधानिक और न ही कानूनी जरुरत है. अब इस व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया है.