चंडीगढ : आम आदमी पार्टी की पंजाब इकाई में कलह शुरू हो गयी है. पार्टी के सांसद भगवंत मान ने हाल के राज्य विधानसभा चुनाव में हार के लिए पार्टी नेतृत्व की आलोचना करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा नहीं करना उन्हें भारी पड़ गया. संगरुर से आप के सांसद ने कहा कि पार्टी को पंजाब में हार के कारणों के लिए आत्ममंथन करना चाहिए.
आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के रुख के विपरीत मान ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में खामियां खोजने का कोई मतलब नहीं है. उन्होंने ‘मोहल्ला क्रिकेट टीम की तरह’ व्यवहार करने के लिए पार्टी नेतृत्व की आलोचना की और कहा कि आप ने चुनावी रणनीति के संबंध में पंजाब में ‘ऐतिहासिक गलती’ की है.
आप के राज्य संयोजक गुरप्रीत सिंह घुग्गी ने मान की टिप्पणी पर सहमति जतायी. उन्होंने कहा, ‘मान ने जो कहा है उसे अरविंद केजरीवाल को गंभीरता से लेना चाहिए. पार्टी संयोजक (केजरीवाल) को मान से बात कर जानना चाहिए कि वह ऐसा क्यों सोचते हैं.’ उन्होंने कहा कि केंद्रीय पार्टी नेतृत्व जमीनी स्तर पर पार्टी कार्यकर्ताओं से संपर्क साधने में ‘पूरी तरह विफल’ रहा है.
पंजाब विधानसभा में 117 सीटों में से केजरीवाल की पार्टी ने 20 पर जीत दर्ज की थी. कांग्रेस को 77 सीटें मिली थीं जबकि शिअद-भाजपा को महज 18 सीटें मिली थीं. मान ने राज्य विधानसभा चुनावों में जलालाबाद सीट से पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल के खिलाफ चुनाव लड़ा था और हार गये थे.
उन्होंने कहा कि पार्टी आलाकमान के कुछ नेताओं के ‘अति आत्मविश्वास’ से पंजाब में आप की चुनावी संभावना खत्म हो गयी. उन्होंने संकेत दिये कि उनके लिए सभी राजनीतिक विकल्प खुले हुए हैं और अगले महीने अमेरिका से लौटने के बाद वह इस पर निर्णय करेंगे. आप नेता ने कहा, ‘मैंने अपनी भावनाओं से अरविंद केजरीवाल को अवगत करा दिया है और उन्हें बताया है कि किस तरह पंजाब विधानसभा चुनावों में हार के लिए पार्टी आलाकमान जिम्मेदार है जबकि वहां रैलियों एवं अन्य कार्यक्रमों में काफी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया था.’
इस बीच मोहाली में मान के घर के बाहर आज केजरीवाल के फटे हुए पोस्टर पाये गये. दिल्ली नगर निगम में आप के खराब प्रदर्शन पर घुग्गी ने कहा, ‘आप के नेता लोगों का विश्वास जीतने में विफल रहे हैं.’