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रेलवे का होगा पूर्ण डिजिटलीकरण, बचायेगा 60,000 करोड़ रुपये

नयी दिल्ली : रेलवे एक साझा डिजिटल प्लेटफार्म विकसित कर रहा है, जिसमें सभी विभागाें की सूचनाआें का एकीकरण होगा. भविष्य की रूपरेखा तय करने के लिए प्लेटफार्म तैयार किया जा रहा है. इससे प्रणाली में पारदर्शिता आयेगी और रेलवे को करीब 60,000 करोड़ रुपये की बचत होगी. यह भी पढ़ेंःनये साल में रेल सफर […]

नयी दिल्ली : रेलवे एक साझा डिजिटल प्लेटफार्म विकसित कर रहा है, जिसमें सभी विभागाें की सूचनाआें का एकीकरण होगा. भविष्य की रूपरेखा तय करने के लिए प्लेटफार्म तैयार किया जा रहा है. इससे प्रणाली में पारदर्शिता आयेगी और रेलवे को करीब 60,000 करोड़ रुपये की बचत होगी.

यह भी पढ़ेंःनये साल में रेल सफर हो सकता है महंगा, किराया बढ़ाने के लिए एजेंसी गठन की तैयारी!

भ्रष्टाचार पर लगेगा अंकुश : रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि रेलवे की पूरी खरीद शृंखला का डिजिटलीकरण होगा, जिससे भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा. भुगतान भी इलेक्ट्राॅनिक तरीके से किया जायेगा, खरीद भी इसी तरीके से होगी. इससे भ्रष्टाचार रुकेगा.

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ऑनलाइन होगा रेलवे का परिचालन :
उन्होंने कहा कि हम पूर्ण डिजिटलीकरण प्रक्रिया एंटरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग (ईआरपी) करने जा रहे हैं. रेल का पूरा परिचालन ऑनलाइन होगा. उद्योग के अनुमान के अनुसार, इससे 60,000 करोड़ रुपये की बचत होगी. ईआरपी एक आईटी आधारित प्लेटफार्म होगा, जिससे प्रणाली के आधार पर एकीकरण और योजना के लिए होगा. उन्हाेंने कहा कि हमारी रेलवे के लिए सोच यह है कि उन मुद्दाें को सुलझाया जाये, जिनकी वजह से आज यह संकट में है. पूर्ण डिजिटलीकरण से एक स्थान से परिचालन का प्रबंधन हो सकेगा.

बुनियादी ढांचे का का होगा विस्तार : रेलवे के विभिन्न मुद्दाें पर प्रभु ने कहा कि बड़े और जटिल रेलवे जैसे संगठनाें के लिए एक दृष्टि होनी चाहिए. हमारी लघु अवधि, मध्यावधि और दीर्घावधि की दृष्टि तथा अखिल भारतीय स्तर की सोच होनी चाहिए. रेलवे में भीड़भाड़ का जिक्र करते हुए प्रभु ने कहा कि आजादी के बाद से रेल यातायात 16 गुना बढ़ा है, जबकि इसका बुनियादी ढांचा चार गुना भी नहीं बढ़ पाया है. ऐसे में हम अपनी क्षमता के 150 से 160 प्रतिशत पर संचालन कर रहे हैं. फिलहाल 60 प्रतिशत रेल यातायात 16 प्रतिशत नेटवर्क के जरिये प्रबंधित किया जाता है.

समय पर ट्रेनका परिचालनकरने पर जोर :
उन्हाेंने कहा कि आज ट्रेनों की समय पर आवाजाही इसलिए नहीं हो पाती, क्याेंकि एक ही लाइन पर कई रेलगाड़ियां गुजरती हैं. दिल्ली आनेवाली कोई ट्रेन समय पर आ सकती है, लेकिन भीड़भाड़ की वजह से वह समय पर दिल्ली में प्रवेश नहीं कर पाती. प्रभु ने कहा कि उन्हाेंने 16,500 किलोमीटर लाइन के दोहरीकरण या तिहरा करने की मंजूरी दी है. पिछले 70 साल में सिर्फ 22,000 किलोमीटर लाइनाें की ही मंजूरी दी गयी थी.

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