नयी दिल्ली : राजस्थान के उदयपुर के रहनेवाले कल्पित वीरवाल ने जेइइ मेंस 2017 में टॉप किया है. कल्पित ने 360 में 360 अंक लाकर इतिहास रच दिया है. उदयपुर के कंपाउंडर पुष्कर लाल वीरवाल और स्कूल टीचर पुष्पा वीरवाल के बेटे जेनरल और शिड्यूल्ड कास्ट (एससी) दोनों श्रेणी में टॉप किया है. सुबह सीबीएसइ के चेयरमैन आरके चतुर्वेदी ने फोन पर उसे यह जानकारी दी.
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प्राइवेट से 12वीं की परीक्षा देनेवाले कल्पित ने बताया कि जेइइ की तैयारी के दौरान उसने कभी क्लास बंक नहीं किया. कल्पित ने कहा कि उसने कभी अपना मनोबल नहीं गिरने दिया. कोचिंग संस्थान के शिक्षकों ने हमेशा उसका मनोबल बढ़ाया. कल्पित ने कहा कि कोचिंग क्लास के अलावा वह हर दिन पांच से छह घंटे पढ़ाई करता था.
इंजीनियरिंग संस्थानों में दाखिले के लिए सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंड्री एजुकेशन (सीबीएसइ)द्वारा आयोजित होनेवाली ज्वाइंट इंट्रेंस एग्जाम (जेइइ)मेंस ऑनलाइन और ऑफलाइन परीक्षा के परिणाम गुरुवार (27 अप्रैल) को जारी कर दिये गये. इसके साथ ही जेइइ (एडवांस्ड) में शामिल होनेवाले 2,20,000 अभ्यर्थियों की सूची और पेपर वन की ऑल इंडिया रैंक भी जारी कर दी गयी.
एडवांस्ड के लिए रजिस्ट्रेशन 28 अप्रैल को सुबह 10 बजे से शुरू होगा. दो मई को संध्या पांच बजे तक बिना विलंब शुल्क के साथ रजिस्ट्रेशन स्वीकार किये जायेंगे. विलंब शुल्क के साथ चार मई को शाम पांच बजे तक अभ्यर्थी रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं.
जेइइ एडवांस्ड की परीक्षा 21 मई को दो पालियों में आयोजित की जायेगी. परीक्षा का प्रवेश पत्र 10 मई को वेबसाइट (www.jeeadv.ac.in) से डाउनलोड कर सकेंगे.
जेइइ मेंस के ऑल इंडिया रैंकिंग के आधार पर राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआइटी) सहित देश के नामचीन इंजीनियरिंग कॉलेजों में दाखिला मिलेगा. यह पहला मौका है, जब ऑल इंडिया मेरिट में 12वीं के अंकों की गणना नहीं होगी. हालांकि, एनआइटी में दाखिले के इच्छुक छात्रों के लिए अपने बोर्ड में 75 प्रतिशत अंक या फिर टॉप 20 पर्सेंटाइल लाना अनिवार्य होगा.
2.20 लाख स्टूडेंट्स करेंगे क्वालिफाई
दो साल से एडवांस के लिए क्वालीफाई करनेवाले छात्रों की संख्या बढ़ाने के बावजूद तय संख्या से कम छात्र परीक्षा में बैठ रहे हैं. इसके चलते हर साल आइआइटी की सीटें खाली रह जाती हैं. वर्ष 2015 में आइआइटी की 200 और 2016 में 90 सीटें खाली रहगयी थीं. इस साल एडवांस के लिए 2,20,000 छात्र क्वालीफाई करेंगे.
हर साल खाली रह जाती हैं 20 फीसदी सीटें
हर साल लगभग 20 प्रतिशत स्टूडेंट्स एडवांस एग्जाम नहीं देते. वर्ष2015 में 1.50 लाख स्टूडेंट्स ने एडवांस के लिए क्वालिफाई किया, लेकिन परीक्षा में 1.24 लाख बच्चे ही बैठे.वर्ष 2016 में आइआइटी ने 50,000 सीटें बढ़ा कर दो लाख कर दी. लेकिन, कटऑफ को 1.98 लाख स्टूडेंट्स ही पार कर पाये. बावजूद इसके 1.55लाख स्टूडेंट्स ही एडवांस की परीक्षा में बैठे.
आइआइटी की फीस 90 हजार से होगी दो लाख रुपये
आइआइटी काउंसिल मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से आइआइटी की फीस 90 हजार रुपये से बढ़ा कर दो लाख रुपये करने के प्रस्ताव पर 28 अप्रैल को फैसला लेगी. हालांकि,बैठकमें जरूरतमंद छात्रों को सामाजिक न्याय व अधिकारिता विभाग की ओर से स्कॉलरशिप और अन्य वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाने पर भी चर्चा करके निर्णय लिया जायेगा.
विशेष छात्रों को रियायत पर विचार
विशेष श्रेणी केविद्यार्थियों के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने पर भी आइआइटी काउंसिल विचार कर रही है. सामाजिक न्याय विभाग से स्पेशल कैटेगरी के छात्रों की सारी फीस का पुनर्भरण करवाने की भी तैयारी है. सालाना एक लाख रुपये से कम आमदनीवाले परिवारों के बच्चों को भी इसमें शामिल किया जा सकता है.
अब एडवांस की परीक्षा भी ऑनलाइन!
जेइइ मेंस के बाद अब जेइइ एडवांस की परीक्षा को भी ऑनलाइन किया जा सकता है. शुरुआती चरण में इस पर निर्णय लिया जा सकता है. अब आइआइटी काउंसिल की ज्वाइंट एलोकेशन बोर्ड की मीटिंग में हरी झंडी मिलने का इंतजार किया जा रहा है. इस परीक्षा को मोबाइल तक लेकर आने का प्रस्ताव है. जेइइ मेंस देनेवाले कुल छात्रों में 10 प्रतिशत ऑनलाइन परीक्षा देते हैं. एडवांस की परीक्षा भी ऑफलाइन के साथ ऑनलाइन मोड में करवायी जायेगी. यह परीक्षा किसी एक मोड में नहीं होगी.