नयी दिल्ली : केंद्र सरकार नक्सलियों के दांत खट्टे करने में जुट गयी है. सरकार की ओर से बीती रात कहा कि वह छत्तीसगढ में नक्सल रोधी अभियानों में शामिल सुरक्षा बलों के इस्तेमाल के लिए गोलियों, बारुदी सुरंगों से सुरक्षित करीब 250 वाहन खरीद रही है.
केंद्र ने साथ ही कहा कि छत्तीसगढ में नक्सली हिंसा से सर्वाधिक प्रभावित बस्तर क्षेत्र में 45,000 अर्द्धसैन्यकर्मी और राज्य पुलिस के 20,000 कर्मी तैनात हैं.
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गृह मंत्रालय ने मीडिया की खबरों पर प्रतिक्रिया देते हुए एक बयान में कहा कि यह कहना तत्थात्मक रुप से सही नहीं है कि वित्तीय संसाधनों में कमी के कारण नक्सलवाद से जंग में पुलिस एवं सीआरपीएफ के कर्मियों की अनमोल जिंदगियां जा रही हैं. सुरक्षा संबंधित व्यय योजना के लिए जारी की गयी धनराशि 2011-2012, 2012-2013, 2013-2014 के 575 करोड रुपयेसे बढकर 2014-2015, 2015-16, 2016-17 में 675 करोड रुपये हो गयी.
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आपको बता दें गत सोमवार नक्सलियों ने छत्तीसगढ के सुकमा जिले में घात लीगाकर हमला किया था जिसमें 25 सीआरपीएफ के जवान शहीद हो गए थे.
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इस खबर के इतर केंद्र सरकार जल्द ही नक्सल ऑपरेशनों के लिए फोलिएज पैनिट्रेटिंग रडार यानि ऐसा रडारयुक्त कैमरा इस्तेमाल करने का मन बना रही है जो घने जंगलों में छिपे हुए नक्सलियों की गतिविधियों के बारे में जानकारी सुरक्षा बलों दे सकेगा. इस रडार को सरकार जल्द ही खरीदेगी. एक सीनियर अधिकारी ने जानकारी दी कि आतंकियों के खिलाफ इस तरह के रडार का इस्तेमाल पश्चिमी देशों में और इजरायल में काफी कामयाब रहा है.