नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस अनास्तासियादेस ने द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर आज विस्तार से चर्चा की और इस बात पर सहमति बनी की सभी देशों को अपने क्षेत्र में लगातार आतंक के कारखानों को प्रश्रय देने वाले देशों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की जरुरत है. दोनों नेताओं के बीच मुलाकात के बाद भारत और साइप्रस ने चार समझौतों पर दस्तखत किये जिनमें से एक हवाई सेवा और पोत परिवहन के क्षेत्र में सहयोग से जुड़ा है.
साइप्रस के राष्ट्रपति के साथ एक संयुक्त मीडिया कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि महत्वपूर्ण मुद्दों पर भारत हमेशा साइप्रस के साथ खड़ा रहा है और उसकी संप्रभुता, अखंडता और क्षेत्रीय अक्षुणता का दृढता से समर्थन करता है.
दोनों देशों के बीच परस्पर हित से जुड़े द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और आपसी हित के अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर हुई ‘विस्तृत चर्चा’ का जिक्र करते हुये प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हमारे क्षेत्रों में जो देश आतंकवाद के कारखानों को पनपाते हैं, समर्थन करते हैं, प्रश्रय देते हैं उनके खिलाफ सभी राष्ट्रों द्वारा निर्णायक कार्रवाई करने के मुद्दे पर भी हम सहमत हुए.’
मोदी ने कहा कि दोनों पक्षों संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में जल्द सुधार की जरुरत पर भी सहमत है. प्रधानमंत्री ने यूएनएससी के स्थायी सदस्य के तौर पर शामिल किये जाने की भारत की दावेदारी पर साइप्रस के समर्थन पर भी आभार जताया. इससे पहले विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भी साइप्रस के राष्ट्रपति से मुलाकात कर द्विपक्षीय सहयोग के क्षेत्रों पर चर्चा की थी.