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‘नमामि देवी नर्मदे-सेवा यात्रा” की तर्ज पर ‘नमामि गंगे” परियोजना चलायेंगे : योगी

डिंडौरी (मप्र) : गंगा नदी के संरक्षण के लिए चलायी जा रही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना ‘नमामि गंगे’ को सबसे बड़ी चुनौती मानते हुए उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को कहा कि वह मध्यप्रदेश में चल रही ‘नमामि देवी नर्मदे-सेवा यात्रा’ की तर्ज पर ‘नमामि गंगे’ परियोजना को चलाएंगे, ताकि गंगा […]

डिंडौरी (मप्र) : गंगा नदी के संरक्षण के लिए चलायी जा रही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना ‘नमामि गंगे’ को सबसे बड़ी चुनौती मानते हुए उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को कहा कि वह मध्यप्रदेश में चल रही ‘नमामि देवी नर्मदे-सेवा यात्रा’ की तर्ज पर ‘नमामि गंगे’ परियोजना को चलाएंगे, ताकि गंगा को भी निर्मल, स्वच्छ एवं अविरल बनाया जा सके.

‘नमामि देवी नर्मदे-सेवा यात्रा’ में डिंडौरी जिले के शहपुरा कस्बे में भाग लेने आये योगी ने जनसंवाद कार्यक्रम में कहा, ‘‘उत्तरप्रदेश में हमारे सामने ‘नमामि गंगे’ चुनौती है. यह प्रधानमंत्री की योजना है. मध्यप्रदेश में चल रही ‘नमामि देवी नर्मदे -सेवा यात्रा’ की तर्ज पर ‘नमामि गंगे’ परियोजना को चलाएंगे, ताकि गंगा को भी निर्मल, स्वच्छ एवं अविरल बनाया जा सके.’

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उन्होंने कहा कि हम उत्तर प्रदेश की अन्य नदियों यमुना, गंधक, राप्ती एवं अन्य नदियों को भी नया जीवन देने के लिए इस तरह का अभियान चलाएंगे, जिस तरह से नर्मदा नदी के लिए चलाया जा रहा है. नर्मदा नदी के संरक्षण को मूर्त रूप देने के लिए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि आज दुनिया की जो आवश्कता है, उसे चौहान ने मूर्त रूप करके दिखा दिया है. उन्होंने कहा कि ‘नमामि देवी नर्मदे -सेवा यात्रा’ देश की ही नहीं, बल्कि दुनिया की सबसे बड़ी नदी संरक्षण योजनाओं में से एक है.

पिछली सरकार पर उत्तर प्रदेश में कोई कार्य नहीं करने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री योगी ने कहा, ‘‘मेरे सामने सबसे बड़ी चुनौती थी कि आखिर किस रूप में मैं योजनाओं को मूर्त रूप दूं. अक्सर मेरे कानों में गूंज रहा था कि शिवराज जी ने मध्यप्रदेश में ‘नमामि देवी नर्मदे-सेवा यात्रा’ प्रारंभ की है और एक बार वहां जाकर देखना चाहिए कि कैसे यह कार्यक्रम हो रहा है और उसी की तर्ज पर ‘नमामि गंगे’ योजना को हम आगे बढ़एं.’

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे आज सौभाग्य प्राप्त हुआ है और आप सब के उत्साह को देख कर मैं अत्यंत अभिभूत हूं. क्योंकि, 42 से 45 डिग्री सेल्सियस तापमान की चिलचिलाती धूप में भी इतनी बड़ी तादाद में लोग कलश लेकर आधा किलोमीटर की यात्रा कर रहे हैं और कई स्थानों पर यह यात्रा निरंतर जारी है.’ योगी ने कहा कि सनातन धर्म में ऐसा कोई व्यक्ति नहीं होगा, जो प्रात: काल स्नान करते समय देश की सात पवित्र नदियों का स्मरण न करता हो. चाहे उसने उनके दर्शन न भी किये हों, लेकिन वह सिर पर एक लोटा जल डालते वक्त सात नदियों कृष्णा, यमुना, गंगा, गोदावरी, सिंधु, कावेरी एवं नर्मदा का स्मरण करता है. उसको लगता है कि इन सभी नदियों का पानी सिर पर गिरा करके वह अपने सभी पापों से मुक्त हो रहा है.’

योगी ने कहा कि 15 साल पहले पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था कि यदि अगला विश्व युद्ध होगा, तो वह जल को लेकर होगा. उन्होंने कहा कि कई प्राचीन सभ्यताएं नदियों के तट पर ही विकसित हुईं, लेकिन हमने अपने हितों के लिए नदियों को ही नष्ट करना शुरू कर दिया. आज प्रयाग में त्रिवेणी में गंगा-जमुना के ही दर्शन होते हैं, सरस्वती नदी के नहीं, क्योंकि यह लुप्त हो गयी हैं. मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री चौहान को योग्य एवं सक्षम नेतृत्व वाला नेता बताते हुए उन्होंने कहा कि चौहान ने मध्य प्रदेश को बीमारू प्रदेश से अग्रणी प्रदेश बनाया, कृषि उत्पादन में मध्यप्रदेश को देश का अग्रणी राज्य बनाया, सिंचाई के साधनों में प्रगति की है, सड़कें, विद्युत एवं पानी की समस्या दूर करने के साथ-साथ कई जन कल्याणकारी योजनाएं चलायी हैं.’ इस मौके पर योगी के अलावा मुख्यमंत्री चौहान, केंद्रीय मंत्री राम कृपाल यादव एवं कई साधु-संन्यासी मौजूद थे.

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